विपक्ष के उतारने की तैयारी के बावजूद जीत मानी जा रही तय
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए गए वरिष्ठ भाजपा नेता और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन का मंगलवार को संसद भवन परिसर में आयोजित संसदीय दल की बैठक में भव्य अभिनंदन किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के शीर्ष नेताओं और सहयोगी दलों के सांसदों ने उनका स्वागत किया और उन्हें शुभकामनाएँ दीं। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में मौजूद सांसदों के सामने राधाकृष्णन के नामांकन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि वे देश की राजनीति में स्वच्छ छवि वाले, सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले और समाज व राष्ट्र की सेवा को समर्पित नेता हैं। पीएम मोदी ने न केवल एनडीए के सांसदों से बल्कि विपक्षी गठबंधन इंडिया से भी अपील की कि वे राधाकृष्णन जैसे उम्मीदवार को समर्थन दें, ताकि उन्हें सर्वसम्मति से देश का उपराष्ट्रपति चुना जा सके।
जानकारी के अनुसार सीपी राधाकृष्णन बुधवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं। लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों से बने निर्वाचक मंडल में एनडीए के पास पहले से ही पर्याप्त बहुमत है, इसलिए राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भले ही विपक्षी गठबंधन इंडिया अपना प्रत्याशी मैदान में उतारे, लेकिन राधाकृष्णन की जीत लगभग तय है।
67 वर्षीय राधाकृष्णन मूलतः तमिलनाडु के रहने वाले हैं और लंबे समय से भाजपा से जुड़े हुए हैं। संगठन और राजनीति दोनों में उनका लंबा अनुभव रहा है। पिछले कुछ वर्षों से वे महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि उनकी सादगी, बेदाग छवि और समाज के प्रति समर्पित दृष्टिकोण ने उन्हें इस पद का एक मजबूत और योग्य दावेदार बनाया है।
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरें रिजिजू ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने संसदीय दल के नेताओं और सांसदों को राधाकृष्णन से परिचित कराया और उनसे अपील की कि वे उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में उन्हें एकजुट होकर समर्थन दें। रिजिजू ने कहा, “सीपी राधाकृष्णन का जीवन पूरी तरह से पारदर्शी रहा है। उनके खिलाफ कोई विवाद, भ्रष्टाचार या दाग नहीं है। उन्होंने हमेशा सादा जीवन जिया है और केवल समाज और देश के लिए काम किया है। यदि ऐसा व्यक्ति देश का उपराष्ट्रपति बनता है, तो यह पूरे राष्ट्र के लिए गौरव और खुशी की बात होगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी विपक्षी दलों से व्यक्तिगत स्तर पर संवाद कर रहे हैं और उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि ऐसे योग्य और बेदाग उम्मीदवार का समर्थन करना लोकतंत्र और संसद दोनों के लिए शुभ संकेत होगा। रिजिजू ने कहा कि हम चाहते हैं कि पूरा सदन सर्वसम्मति से इस पद के लिए राधाकृष्णन को चुने, क्योंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति के तौर पर भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया भी अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है, लेकिन एनडीए के पास मजबूत बहुमत होने और प्रधानमंत्री मोदी के प्रभावी समर्थन अभियान की वजह से राधाकृष्णन की जीत पहले से तय मानी जा रही है। अगर वे निर्विरोध चुने जाते हैं तो यह लोकतांत्रिक परंपरा में एक सकारात्मक संदेश होगा और यदि चुनाव होता भी है तो उनके पक्ष में भारी मतों से जीत सुनिश्चित है।