नई प्रतिभाओं को जोड़ने और मासिक गोष्ठी आयोजित करने पर हुआ विचार-विमर्श
फर्रुखाबाद: अखिल भारतीय साहित्यिक संस्था राष्ट्रीय कवि संगम की बैठक (National Poets Sangam meeting) एवं काव्य (poetry) गोष्ठी रविवार को लाल सराय स्थित कलमकार भवन में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि राम अवतार शर्मा ‘इंदु’ ने की, जबकि संचालन दिलीप कश्यप ने किया।
बैठक में आगामी कार्यक्रमों पर चर्चा हुई तथा निर्णय लिया गया कि संगठन की मासिक काव्य गोष्ठी नियमित रूप से आयोजित की जाएगी। साथ ही कविता कुंज पत्रिका की सदस्यता, सक्रिय भागीदारी और नई प्रतिभाओं को मंच से जोड़ने पर भी विचार-विमर्श किया गया। काव्य गोष्ठी का संचालन जिलाध्यक्ष राम मोहन शुक्ल ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ कवि राम अवतार शर्मा ‘इंदु’ ने छंद “हुलसी के तुलसी के राम पूजनीय हैं, परन्तु रतना के लिए पूजनीय तुलसी है” प्रस्तुत कर कविता के मर्म को समझाया।
कवयित्री स्मृति अग्निहोत्री ने आतंकवाद पर करारा प्रहार करती रचना “बिखरे परिवारों के टुकड़ों से एक तिरंगा नया बना…” सुनाकर वातावरण को भावपूर्ण बना दिया। कवि दिनेश अवस्थी ने शनिदेव व भक्तिभाव पर आधारित काव्यपाठ किया।
दिलीप कश्यप कलमकार ने आज़ादी के दीवानों की याद दिलाती पंक्तियाँ “रंग दे बसंती चोला वाली बोली अमर रहेगी…” पढ़ीं। विशाल श्रीवास्तव ने भावनात्मक रचना “मैं भी उस लम्हें का कल एहसास करने जा रहा हूँ…” प्रस्तुत की। कवि अमित त्रिवेदी ने देशप्रेम पर आधारित कविता “दिल में देश की धड़कन और ओठों पर गंगा हो…” सुनाई। कवि अनुराज दीक्षित और दीपक शुक्ला समेत अन्य कवियों ने भी प्रभावी काव्यपाठ किया। कार्यक्रम के अंत में प्रेस क्लब अध्यक्ष इंदु अवस्थी ने आभार व्यक्त किया।