प्रकृति पूजा के पर्व के दौरान बरसती है छठ मैया की कृपा
फर्रुखाबाद। दीपावली के पांच त्योहारों के उपरांत पड़ने वाले सूर्य उपासना के पर्व छठ की शुरुआत नहाए खाय की परंपरा का निर्वाह करते हुए शनिवार को हो गई। श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर पहुंचकर गंगा स्नान किया छठ मैया की उपासना शुरू कर दी।
खास तौर से बिहार का यह लोक पर्व शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि का प्रतीक है, जिसमें छठी मैया की विशेष कृपा बरसती है। भगवान श्रीभास्कर की उपासना का महापर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान शनिवार को नहाय-खाय से शुरू हो गया । इसी क्रम में रविवार को खरना पूजन के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा वहीं सोमवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य और मंगलवार को सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
दीपावली के बाद पड़ने वाला यह पर्व बिहार में लोक पर्व के रूप में मनाया जाता है और लगातार 4 दिन तक उत्सव जैसा माहौल दिखाई देता है। इस दौरान सूरज की उपासना की जाती है और छठ मैया से कृपा की कामना की जाती है भक्ता छठ मैया की कृपा जिन्हें भक्तों पर बढ़ती उनकी कथाएं सुनाया करते हैं व्रत के दौरान गंगा पूजन का भी विशेष महत्व रहता है उसके साथ ही फल और गन्नों इत्यादि से होने वाला यह पर्व प्रकृति के संरक्षण का संदेश भी देता है। अब त्यौहार उत्तर प्रदेश को आसपास के तमाम क्षेत्रों में पूरी धूमधाम के साथ मनाया जाने लगा है इसके अलावा बिहार प्रांत के मूल निवासी जी प्रांत में भी रहते हैं वहां छठ का त्योहार गुप्ता के साथ मनाया जाता है। नगर में निवास करने वाले बिहार के लोगों पूर्वांचल विकास समिति के बैनर तले कार्यक्रम का आगाज किया जिसमें बड़ी तादाद में लोगों ने भागीदारी की।





