मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच (Mumbai Crime Branch) ने Mumbai के वर्सोवा इलाके से एक 60 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया। उसे भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) से जुड़े जाली पहचान पत्र रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। फर्जी वैज्ञानिक अख्तर कुतुबुद्दीन हुसैनी अहमद (Akhtar Qutbuddin Hussaini Ahmed) नाम के संदिग्ध व्यक्ति के पास से कई जाली पासपोर्ट, आधार और पैन कार्ड, और अली रज़ा हुसैन नाम वाले BARC पहचान पत्र बरामद हुए। अधिकारियों ने 14 मानचित्रों और कथित परमाणु डेटा सहित कई संदिग्ध दस्तावेज भी जब्त कर लिए।
बाद में हुई जाँच में सोमवार को 34 वर्षीय साथी मुनज़्ज़िल खान को गिरफ़्तार किया गया। माना जा रहा है कि झारखंड में एक साइबर कैफ़े चलाने वाले खान ने अख्तर को शैक्षिक प्रमाणपत्रों सहित जाली दस्तावेज़ बनाने में मदद की थी। अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) की जांच में यह भी पता चला कि खान ने अख्तर के भाई आदिल हुसैनी के लिए जमशेदपुर स्थित उनके पैतृक घर के पते का उपयोग करते हुए कथित तौर पर दो फर्जी पासपोर्ट तैयार किए थे – यह संपत्ति लगभग तीन दशक पहले 1995 में बेची गई थी। दोनों भाइयों, अख्तर और आदिल पर इन झूठी पहचानों का उपयोग करके विदेश यात्रा करने का संदेह है।
अख्तर, जिसने शुरुआत में अपने भाई की मौत का दावा करके अधिकारियों को गुमराह किया था, को 12 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। खान 1 नवंबर तक पुलिस हिरासत में रहेगा। फिलहाल पुलिस संदिग्धों से पूछताछ कर रही है ताकि फर्जी दस्तावेज बनाने के पीछे का मकसद पता लगाया जा सके और यह पता लगाया जा सके कि क्या इस ऑपरेशन में कोई बड़ा आपराधिक नेटवर्क या व्यापक आपराधिक गतिविधि शामिल है।


