50 से ज्यादा आईसीपीएस के कार्यक्रम में भारतीय लागत लेखा सेवा अधिकारियों को किया संबोधित
नई दिल्ली। मंगलवार को संसद भवन में संविधान और संसदीय अध्ययन संस्थान (आईसीपीएस) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कानपुर के सांसद रमेश अवस्थी ने मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संविधान के मूल्यों और वित्तीय शासन के महत्व पर विचार-विमर्श करना था।
सांसद रमेश अवस्थी ने अपने संबोधन में संविधान के मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए वित्तीय अनुशासन और नियामक पारदर्शिता को राष्ट्रीय विकास के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा, “संविधान हमारे लोकतंत्र का आधार है। इसके मार्गदर्शन में, हमें वित्तीय प्रशासन को मजबूत करते हुए समृद्ध भारत की नींव रखनी चाहिए।”
कार्यक्रम में आईसीपीएस की निदेशक डॉ. सीमा कौल सिंह ने भी अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने संविधान और संसदीय अध्ययन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन देश की नीतिगत प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और समझदारी लाने का कार्य करते हैं।
इस अवसर पर भारतीय लागत लेखा सेवा (ICoAS) के 50 से अधिक अधिकारियों और सहायक संविधान निर्माताओं ने भाग लिया। सांसद अवस्थी ने उन्हें वित्तीय अनुशासन और संविधान आधारित शासन की ओर प्रेरित किया। उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि कैसे प्रभावी वित्तीय प्रबंधन से सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित होता है।
सांसद अवस्थी ने संविधान की प्रस्तावना का उल्लेख करते हुए इसे राष्ट्रीय एकता और विकास का आधार बताया।उन्होंने बताया कि 2023-24 के बजट में पारदर्शिता और वित्तीय प्रबंधन के सिद्धांतों का पालन किया गया है, जिससे विकास योजनाओं में तेजी आई है। भारतीय लागत लेखा सेवा अधिकारियों को सुझाव दिया गया कि वे डिजिटल और डेटा-आधारित वित्तीय प्रणालियों को अपनाएं।
कार्यक्रम ने संविधान और वित्तीय शासन के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. सीमा कौल सिंह और सांसद रमेश अवस्थी ने अपने विचारों से उपस्थित अधिकारियों को प्रेरित किया। यह आयोजन राष्ट्रीय प्रशासन में पारदर्शिता और अनुशासन को बढ़ावा देने की दिशा में एक सफल प्रयास माना जा रहा है।