मध्य प्रदेश में पीएम मित्रा पार्क : *प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में विकास की नई इबारत लिखते डॉ.मोहन यादव*

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(पवन वर्मा-विनायक फीचर्स)

मध्यप्रदेश में राजा भोज एक परम प्रतापी राजा के रुप में सुविख्यात हैं। राजा भोज महा योद्धा, कलाप्रेमी,राष्ट्र रक्षक, विद्वान तथा विज्ञान एवं साहित्य के संरक्षक थे। ऐसे परम प्रतापी राजा भोज की नगरी धार में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई पीएम मित्रा योजना केवल एक औद्योगिक परियोजना नहीं, बल्कि भारत के टेक्सटाइल सेक्टर को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाने का प्रयास है। इस योजना का उद्देश्य देश के अलग-अलग राज्यों में अत्याधुनिक टेक्सटाइल पार्क विकसित करना है, ताकि ‘फाइबर से फैब्रिक और फैशन से फॉरेन’ तक का एकीकृत इकोसिस्टम तैयार हो सके। प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी कदम से कदम मिला कर चल रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश को भी धार जिले में पी एम मित्रा पार्क की सौगात मिली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में यह परियोजना प्रतिबद्धता और पारदर्शिता की नई मिसाल बन रही है। उन्होंने इस अवसर को केवल औद्योगिक विकास के रूप में नहीं देखा, बल्कि इसे रोजगार,और आत्मनिर्भरता की दिशा में मध्य प्रदेश के लिए एक मील का पत्थर बना दिया।

प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट मानना है कि भारत की ताकत उसके कुटीर, लघु और परंपरागत उद्योगों में है, और टेक्सटाइल इंडस्ट्री इस विरासत का सबसे बड़ा उदाहरण है। पीएम मित्रा योजना इसी सोच को औद्योगिक आधुनिकता से जोड़ने का प्रयास है। इस परियोजना के अंतर्गत देश में सात टेक्सटाइल पार्कों की स्थापना का लक्ष्य है, जिनमें एक पार्क मध्य प्रदेश के धार में स्थापित किया जा रहा है।

*योजना की विशेषताएँ*

1000 एकड़ से अधिक भूमि में फैले इस टेक्सटाइल इको-सिस्टम में फाइबर से गारमेंट तक की संपूर्ण प्रक्रिया एक ही परिसर में होगी। यहां अत्याधुनिक तकनीक, ग्रीन एनर्जी और सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग से लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। यह घरेलू और विदेशी निवेश को आकर्षित करने वाले प्लेटफॉर्म के रुप में भी कार्य करेगा।

*मध्य प्रदेश का चुनाव क्यों?*

यह मध्यप्रदेश के लिए अपने-आप में गर्व की बात है कि भारत सरकार ने मध्य प्रदेश को टेक्सटाइल पार्क के लिए उपयुक्त पाया। इसके पीछे कई कारण हैं। जिसमें पहला कारण तो प्रदेश की भौगोलिक स्थिति है। देश के केंद्र में होने के कारण हर ओर से लॉजिस्टिक्स सुविधा उपलब्ध है।

दूसरा मध्यप्रदेश कृषि प्रधान राज्य है यहां भरपूर मात्रा में कपास उत्पादन होता है। डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश शासन की निवेश अनुकूल नीतियाँ, भूमि उपलब्धता, सहजता से उपलब्ध स्थानीय कौशल,पारंपरिक हथकरघा और बुनाई से जुड़ी श्रमिक शक्ति,सस्ती ऊर्जा ने भी यहां पीएम मित्र पार्क की स्थापना के रास्ते खोले हैं।

डॉ. मोहन यादव ने जब मध्य प्रदेश की कमान संभाली, तब ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि उनकी सरकार का उद्देश्य विकास को केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि ज़मीन पर उतारना है। पीएम मित्रा पार्क की योजना को उन्होंने केवल एक परियोजना नहीं बल्कि एक अवसर के रूप में देखा।

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के निर्देश पर भूमि चयन की प्रक्रिया में कोई देरी नहीं हुई । भूमि चयन और अधिग्रहण में पूर्ण पारदर्शिता रखते हुए धार जिले को इस योजना के लिए चुना गया, जो प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के पास ही है।

सभी संबंधित विभागों को 100 दिन के भीतर ज़मीन उपलब्ध कराने का लक्ष्य दिया गया। सुखद यह भी रहा कि इस लक्ष्य को समय से पहले पूरा किया गया।

इस परियोजना में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जा रहा है। इसके चलते इन्वेस्ट मध्य प्रदेश पोर्टल को अपडेट कर पीएम मित्रा के लिए विशेष सेक्शन बनाया गया है। निवेशकों को सिंगल विंडो क्लीयरेंस, सब्सिडी और टैक्स में राहत जैसे प्रावधान दिए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स को आकर्षित करने के लिए विशेष रोड शो आयोजित किए जा रहे हैं।

इस परियोजना से प्रदेश में एक लाख से अधिक नौकरियाँ पैदा होंगी। प्रशिक्षण के लिए आईटीआई और पॉलीटेक्निक संस्थानों में टेक्सटाइल आधारित कोर्स शुरू किए गए हैं। स्थानीय महिलाओं को इससे जोड़ने के लिए उन्हें सिलाई, कढ़ाई, डिजाइनिंग जैसे कार्यों में प्रशिक्षित किया जा रहा है।

*धार बनेगा अब भविष्य का टेक्सटाइल हब*

राजा भोज की नगरी के रुप में विश्व प्रसिद्ध धार जिला अब केवल एक ऐतिहासिक स्थल नहीं, बल्कि भविष्य का इंडस्ट्रियल पॉवरहाउस बनने की ओर अग्रसर है। यहां पीएम मित्रा पार्क के अंतर्गत अनेक कार्य किए जा रहे हैं। जिनमें प्रमुख हैं-

*इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल यूनिट्स* – इसमें फाइबर उत्पादन से लेकर रेडीमेड वस्त्र निर्माण तक की पूरी श्रृंखला होगी।

*लॉजिस्टिक हब*- इसके अंतर्गत कोल्ड स्टोरेज, फास्ट ट्रैक कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं मिलेंगी।

*रिसायक्लिंग यूनिट* सतत विकास एवं पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से रिसाइक्लिंग यूनिट भी लगाई जाएगी।

*इनोवेशन सेंटर और डिज़ाइन लैब्स* आधुनिक एवं नवीनतम तकनीक से कदमताल करने के लिए इनकी स्थापना की जा रही है।

इन सबके अलावा रहवासी परिसर,हॉस्टल, स्कूल और श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षात्मक वातावरण बनाना भी इस परियोजना में शामिल है।

वस्त्र उद्योग में मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक पहचान है।

महेश्वर और चंदेरी की साड़ियों को विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त है। इंदौर और भोपाल पहले से ही गारमेंट्स और होजरी मैन्युफैक्चरिंग के केंद्र रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री मोहन यादव इन पारंपरिक कारीगरों और बुनकरों को पीएम मित्रा पार्क से जोड़ना चाहते हैं, जिससे परंपरा और आधुनिकता का समन्वय हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव के बीच नीति और क्रियान्वयन का अनोखा और समन्वित तालमेल है। इस परियोजना में केंद्र 500 करोड़ तक की सहायता दे रहा है और राज्य सरकार ने अपनी ओर से भूमि उपलब्ध कराई है। बिजली, पानी, और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं खुद विकसित करने का निर्णय लिया है।

मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी टेक्सटाइल नीति में विशेष संशोधन किए हैं ताकि बड़े निवेशक आकर्षित हो सकें। डॉ.मोहन यादव की सरकार इस परियोजना को ग्रीन इंडस्ट्रियल मॉडल बनाना चाहती है। इसी उद्देश्य से यहां

सोलर एनर्जी का उपयोग किया जाएगा । जिसके लिए सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत जल पुनर्चक्रण संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन और ईको-फ्रेंडली रॉ मैटेरियल को प्रोत्साहन देना भी इसी नीति का हिस्सा है। इन सब उपायों से यह केवल आर्थिक विकास का ही नहीं, बल्कि पर्यावरण-संवेदनशील औद्योगीकरण का उदाहरण बनेगा।

*आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम*

पीएम मित्रापार्क धार को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जो दृष्टि प्रस्तुत की है, वह स्पष्ट करती है कि यह परियोजना केवल मध्य प्रदेश की नहीं, बल्कि पूरे भारत की टेक्सटाइल क्रांति की नींव है।

*मध्यप्रदेश को क्या हासिल ?*

इस परियोजना से मध्यप्रदेश में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से डेढ़ लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। देश और प्रदेश की वैश्विक निर्यात में हिस्सेदारी बढ़ेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधि बढ़ेगी जिससे ग्रामीण जन और अधिक सम्पन्नता की ओर बढ़ेंगे।

*प्रधानमंत्री की दृष्टि, मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता*

पीएम मित्रा पार्क, मध्य प्रदेश के लिए मात्र एक औद्योगिक योजना नहीं, बल्कि नई आर्थिक दिशा, नई रोजगार क्रांति और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदम है।

प्रधानमंत्री मोदी की “विकसित भारत 2047” की परिकल्पना को साकार करने में अगर किसी राज्य ने नीति, निष्ठा और निष्पादन के स्तर पर कदम बढ़ाएं है, तो वह है मध्य प्रदेश। इसके सफल संचालन की बागडोर है मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हाथों में।

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