मोबाइल गेम खेलते-खेलते 13 वर्षीय किशोर की मौत ‘फ्री फायर’ खेलते वक्त अचानक गिरा, परिजनों में कोहराम

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इंदिरानगर क्षेत्र की घटना, अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने किया मृत घोषित मोबाइल गेम की लत पर उठे गंभीर सवाल

लखनऊ। राजधानी के इंदिरानगर थाना क्षेत्र से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां एक 13 वर्षीय किशोर की मोबाइल गेम खेलते समय संदिग्ध हालातों में मौत हो गई। परिजनों के अनुसार, किशोर ‘फ्री फायर’ नामक लोकप्रिय ऑनलाइन गेम खेल रहा था, जब अचानक वह बेसुध होकर गिर पड़ा।
घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मोबाइल फोन को जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है।
मृतक की पहचान विवेक कश्यप (13 वर्ष) पुत्र राजेश कश्यप, निवासी इंदिरानगर, सेक्टर 11, के रूप में हुई है।
गुरुवार शाम लगभग साढ़े पाँच बजे विवेक अपने कमरे में मोबाइल पर गेम खेल रहा था।
परिवार के लोगों ने बताया कि वह ऑनलाइन ‘फ्री फायर’ गेम में इतना खोया हुआ था कि कई बार उसे खाने-पीने की भी सुध नहीं रहती थी।
मां ने जब आवाज़ दी तो विवेक ने कोई जवाब नहीं दिया। कुछ देर बाद देखा गया कि वह ज़मीन पर गिरा पड़ा है और मोबाइल उसके पास ही पड़ा हुआ था।
परिजन आनन-फानन में उसे लोहिया अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
इंदिरानगर थाना प्रभारी अशोक वर्मा ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
प्राथमिक जांच में कोई बाहरी चोट नहीं पाई गई है, लेकिन मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।
संभावना जताई जा रही है कि अत्यधिक उत्तेजना या तनाव की स्थिति में दिल की धड़कन रुकने से यह हादसा हुआ हो सकता है।
पुलिस ने विवेक का मोबाइल ज़ब्त कर लिया है। फोन से गेम के लॉग्स और स्क्रीन रिकॉर्डिंग की जांच की जा रही है।
फॉरेंसिक विशेषज्ञ यह भी जांच रहे हैं कि कहीं मोबाइल चार्ज पर तो नहीं लगा था या उसे बिजली का झटका तो नहीं लगा।
विवेक के पिता राजेश कश्यप, जो एक निजी कंपनी में काम करते हैं, ने बताया कि उनका बेटा दिनभर मोबाइल पर गेम खेलता था।
उन्होंने कहा “हम कई बार उसे मना करते थे, लेकिन वह कहता था कि उसके सभी दोस्त यही गेम खेलते हैं। हमें कभी नहीं लगा था कि मोबाइल गेम उसकी जान ले लेगा।”
परिवार में इस घटना के बाद मातम पसरा हुआ है।
पड़ोसी भी इस हादसे से स्तब्ध हैं। कई लोगों ने अब अपने बच्चों को मोबाइल गेम से दूर रखने का निर्णय लिया
डॉ. अंकुर शर्मा, न्यूरोलॉजिस्ट, लोहिया अस्पताल, ने बताया कि लंबे समय तक स्क्रीन के सामने रहना और लगातार तनावपूर्ण गेम खेलना बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और हार्ट रेट पर असर डाल सकता है।
उन्होंने कहा “ऐसे गेम्स बच्चों में प्रतिस्पर्धा और तनाव बढ़ाते हैं। अगर बच्चा अत्यधिक भावनात्मक रूप से इनसे जुड़ जाता है, तो यह मस्तिष्क और हार्ट पर खतरनाक प्रभाव डाल सकता है।”
‘फ्री फायर’ एक ऑनलाइन शूटिंग गेम है जिसे बच्चों और किशोरों में बड़ी लोकप्रियता मिली है।
इससे पहले भी कई राज्यों में ऐसे मामलों की रिपोर्ट मिल चुकी है, जहाँ गेम की लत के कारण बच्चों ने आत्महत्या या आक्रामक व्यवहार किया।
राष्ट्रीय बाल आयोग और कई मनोवैज्ञानिक संस्थानों ने समय-समय पर इस तरह के हिंसक गेम्स पर नियंत्रण की मांग की है।
लखनऊ पुलिस ने इस घटना के बाद साइबर सेल और बाल अपराध विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे मामलों पर नज़र रखें जहाँ बच्चे डिजिटल लत का शिकार हो रहे हैं।
साथ ही स्कूलों और अभिभावकों को जागरूक करने के लिए एक अभियान चलाने की तैयारी भी शुरू की जा रही है।

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