लखनऊ: MIT वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी (MIT-WPU) में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने ‘सस्टेनेबल टनलिंग फॉर बेटर लाइफ’ पर मंगलवार को इंटरनेशनल वर्कशॉप का उद्घाटन किया, जिसका आयोजन सस्टेनेबल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन की शिक्षा एवं प्रशिक्षण समिति (ITA-CET) के सहयोग से दो दिनों के इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भारत, यूरोप, यूके और अमेरिका के ग्लोबल एक्सपर्ट एकजुट हुए।
MIT-WPU में टनलिंग और अंडरग्राउंड कंस्ट्रक्शन एक्सीलेंस सेंटर का उद्घाटन इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण था, जो भारत में इस तरह की पहली फैसिलिटी है। टनल मॉनिटरिंग लैब के साथ-साथ ड्रिलिंग एवं ब्लास्टिंग लैब की सुविधा भी उपलब्ध है। इस एक्सीलेंस सेंटर को सैंडविक और टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के साथ मिलकर बनाया गया है, जिसका उद्देश्य अंडरग्राउंड कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी में एडवांस्ड रिसर्च तथा ट्रेनिंग में सहयोग देना है।
इस वर्कशॉप में मुख्य संबोधन के अलावा तकनीकी सत्र और पैनल चर्चाओं का भी आयोजन किया गया, जिनकी अध्यक्षता श्री अर्नोल्ड डिक्स (इंटरनेशनल टनलिंग एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष) और इस क्षेत्र के अन्य जाने-माने विशेषज्ञों ने की। नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में कहा: “भारत इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के सबसे अच्छे दौर में कदम रख रहा है, जिसमें सुरंगें कनेक्टिविटी, सुरक्षा और सस्टेनेबिलिटी में बहुत बड़ी भूमिका निभा रही हैं। हम अगले 10 सालों में ₹2.5 से ₹3 लाख करोड़ रुपये के टनल प्रोजेक्ट्स पूरा करने की योजना बना रहे हैं।
इस मौके पर अर्नोल्ड डिक्स ने कहा, “ये एक्सीलेंस सेंटर पूरी दुनिया के लिए काफी मायने रखता है, क्योंकि यह इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता और उसे उपयोग में लाने की काबिलियत के बीच के अंतर को दूर करता है। बहुत बार, युवा कामगार जोखिम में पड़ जाते हैं क्योंकि उन्हें इतनी बारीकी से डिज़ाइन की गई चीज़ों को सुरक्षित तरीके से बनाने के लिए ज़रूरी ट्रेनिंग नहीं मिल पाती है। MIT-WPU में, मुझे फैकल्टी और छात्रों के बीच एक अनोखा जुड़ाव दिखता है, जो एक परिवार की तरह लगता है।
कार्यक्रम में एक पेपर कंपटीशन भी आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों, प्रोफेशनल युवाओं और रिसर्च करने वालों को टनल डिज़ाइन और उभरती हुई कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी के बारे में अपने विचारों को प्रस्तुत करने का एक मंच मिला। इस आयोजन की हर ओर तारीफ़ की जा रही है, क्योंकि इसने सभी भागीदारों के बीच उपयोगी बातचीत को बढ़ावा दिया, साथ ही इसने भारत की इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी चुनौतियों को सस्टेनेबल तरीके से और ज़िम्मेदारी के साथ दूर करने के लिए शिक्षा जगत, उद्योग जगत और सरकार के बीच साझेदारी को मज़बूत किया।