नई दिल्ली: प्रधानमंत्री की “सबका साथ, सबका विकास” की सोच और सुगम्य भारत अभियान के तहत केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने बड़ा फैसला लिया है। भारत सरकार (Government of India) ने दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के मुताबिक, केंद्रीय सरकारी आवासों के आवंटन में दिव्यांगजनों (persons with disabilities) के लिए 4 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई है। भारत सरकार ने 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री आवास योजनाशुरू की थी। इस योजना का लाभ अधिक लोगों को पहुंचाने के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है।
मंत्रालय ने कहा कि, अब सरकारी आवास में दिव्यांगजनों को चार फीसदी आरक्षण मिलेगा। यह फैसला RPwD अधिनियम 2016 के अनुरूप है और पब्लिक सर्विस में समानता को बढ़ावा देता है। प्रेस नॉट जारी करके कहा कि, “प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास के विजन से प्रेरणा लेते हुए और सुगम्य भारत अभियान के तहत सभी नागरिकों के लिए समान अवसरों के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने समावेशी शासन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।
प्रेस रिलीज में कहा गया है कि यह पहल न केवल प्रत्येक नागरिक के सशक्तिकरण के लिए सरकार के समर्पण को दर्शाती है, बल्कि एक समावेशी और सुलभ भारत की नींव को भी मजबूत करती है। इसमें कहा गया है कि दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार (RPwD) अधिनियम, 2016 के अनुरूप, संपदा निदेशालय ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए केंद्र सरकार के आवासीय आवासों तक उचित पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया है।