— बीजेपी सरकार की मंत्री को ही सड़क पर उतरना पड़ा, क्या जिलों में अफसर बेलगाम हो चुके हैं?
कानपुर। उत्तर प्रदेश सरकार की महिला कल्याण राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला शुक्रवार को कानपुर देहात की अकबरपुर कोतवाली में धरने पर बैठ गईं। यह कदम उन्होंने तब उठाया जब बीजेपी कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जाने के विरोध में पुलिस कोई सुनवाई नहीं कर रही थी। मंत्री के अनुसार, उन्होंने अधिकारियों से संवाद किया लेकिन कार्यवाही के नाम पर टालमटोल होता रहा।
करीब दो घंटे चले इस धरने के बाद प्रशासन की ओर से अकबरपुर कोतवाली के इंस्पेक्टर को हटाने का आश्वासन मिला, तब जाकर धरना खत्म किया गया।
यह घटना केवल एक स्थानीय विवाद नहीं, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की हकीकत उजागर करती है। यह दुर्भाग्य की बात है कि राज्य सरकार की एक मंत्री को अपने ही कार्यकर्ताओं के पक्ष में न्याय पाने के लिए धरने पर बैठना पड़ा। इससे यह साफ झलकता है कि कई जिलों में अफसरशाही इतनी हावी हो गई है कि मंत्री,विधायक, सांसद तक की सुनवाई नहीं हो रही।
यह सवाल उठना लाजिमी है कि जब एक मंत्री के निवेदन पर भी कार्यवाही टलती रहे, तो आमजन के साथ न्याय की उम्मीद कैसे की जाए?
धरने में बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। उन्होंने पुलिस पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के आरोप लगाए। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर मंत्री के निर्देश के बावजूद न्याय नहीं मिला, तो वे सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे।


