लखनऊ: चार अधिकारियों को बर्खास्त करने के बाद समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण (Minister Aseem Arun) ने जनता से अपील की है कि वे भ्रष्टाचार (corruption) या रिश्वतखोरी (bribery) के किसी भी मामले की सूचना तुरंत विभागीय शिकायत पोर्टल या ज़िला मजिस्ट्रेट कार्यालय में दें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार के सख्त रुख़ पर प्रकाश डालते हुए, अरुण ने भ्रष्टाचार के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति पर ज़ोर दिया।
उन्होंने कहा, विभाग में किसी भी स्तर पर किसी भी तरह की अनियमितता या लापरवाही को बख्शा नहीं जाएगा। अरुण ने ज़ोर देकर कहा कि गरीबों, दिव्यांगों, छात्रवृत्ति प्राप्तकर्ताओं और पेंशनभोगियों की सेवा करने वाले समाज कल्याण विभाग को पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से काम करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, सामाजिक कल्याण योजनाओं का पैसा जनता का है और इसे भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ने दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि किसी भी शिकायत पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विभागीय निगरानी प्रणाली को मज़बूत किया जा रहा है। कदाचार में लिप्त पाए जाने वाले अधिकारियों को निलंबन या बर्खास्तगी का सामना करना पड़ सकता है। अरुण ने सभी जिलाधिकारियों और समाज कल्याण अधिकारियों को लाभार्थी चयन में पूरी पारदर्शिता बनाए रखने और रिश्वतखोरी या गड़बड़ी की किसी भी रिपोर्ट का तुरंत समाधान करने का निर्देश दिया।
यह कदम विभाग द्वारा हाल ही में की गई कड़ी कार्रवाई के बाद उठाया गया है, जिसमें चार अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया और तीन सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन काटकर दंडित किया गया। ये कदम सरकार के चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत श्रावस्ती, मथुरा, शाहजहाँपुर और औरैया जिलों में हुए घोटालों के संबंध में उठाए गए।


