‘ऑपरेशन महाकाल’ की दस्तक से हिल गया ओवरलोडिंग का साम्राज्य
फर्रुखाबाद: पांचाल घाट का नाम लेते ही लोगों के जेहन में एक ही शख्स का चेहरा उभरता है—विक्रांत उर्फ राना सरकार (Vikrant-Rana Sarkar) । पेशा बताता है बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर, लेकिन असलियत में यह खनन माफिया (Mining mafia) का सरगना है, जिसका नेटवर्क प्रदेश की सीमाओं को लांघकर पड़ोसी राज्यों तक फैला हुआ है। गिट्टी और मौरंग से भरे ओवरलोड ट्रक-दंपर, बिना रॉयल्टी चुकाए, रात के अंधेरे में सरपट दौड़ते हैं और करोड़ों का काला धन उगलते हैं।
राज्य से राज्य तक फैला जाल
सूत्रों के मुताबिक, राना का साम्राज्य मध्य प्रदेश के भिंड और ग्वालियर से शुरू होकर झांसी, जालौन, इटावा, मैनपुरी, कन्नौज, कानपुर, फतेहपुर, बांदा और फर्रुखाबाद तक फैला है। परिवहन व खनिज विभाग के कुछ अफसरों से गहरी सांठगांठ के चलते यह धंधा बेखौफ चलता है। हर महीने मोटी रकम देकर राना यह सुनिश्चित करता है कि उसके वाहन चेकिंग से बचे रहें।
इस साम्राज्य की बेकाबू रफ्तार का असर आम जनता भी महसूस कर रही है। मोहल्ला नाला बाघार के निवासी राजीव गुप्ता कहते हैं—“हमने कई बार देखा है, रात को दर्जनों ओवरलोड ट्रक गुजरते हैं, जैसे सड़कों पर उनका ही राज हो। पुलिस को बताया, लेकिन कुछ नहीं हुआ।” वहीं, चश्मदीद मनीष यादव का कहना है—“ओवरलोड ट्रकों से सड़कें टूट रहीं, हादसों का डर हमेशा बना रहता है।”
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, राना के खिलाफ खनन चोरी, धमकी, मारपीट, अवैध वसूली और सरकारी काम में बाधा डालने के कई मामले दर्ज हैं। कई बार दबिश पड़ी, लेकिन राजनीतिक रसूख के चलते वह हर बार बच निकलता रहा। सोमवार को आरटीओ प्रवर्तन टीम ने राना सरकार के अड्डे पर दबिश देकर एक ओवरलोड ट्रक पकड़ा। टीम ने मौके पर चालान काटा और वाहन सीज कर दिया। यह कदम प्रशासन की तरफ से पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि सरकार ने अब ‘ऑपरेशन महाकाल’ के तहत राना के पूरे नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है। ट्रांसपोर्ट, खनिज और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम इस पर काम कर रही है। आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर जब्ती और गिरफ्तारी की कार्रवाई हो सकती है। लोगों में सवाल है कि क्या यह दबिश केवल दिखावा है या फिर राना सरकार के खनन साम्राज्य को जड़ से उखाड़ने की शुरुआत? फिलहाल, ‘ऑपरेशन महाकाल’ की आहट से माफिया जगत में हड़कंप मचा हुआ है।