– दो महीने से वेतन नहीं, कंपनी पर 5-5 हजार की सिक्योरिटी रखने का भी आरोप
फर्रुखाबाद। बिजली विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग मीटर रीडरों ने बीते तीन दिनों से बिलिंग कार्य ठप कर दिया है। इसकी वजह है—पिछले दो माह से वेतन का भुगतान न होना। नाराज मीटर रीडरों ने सोमवार से हड़ताल शुरू कर दी है, जो 13 जुलाई को भी तीसरे दिन जारी रही। इससे उपभोक्ताओं को बिल न मिलने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
हड़ताल पर बैठे मीटर रीडरों ने बताया कि पूर्व में जिस निजी कंपनी के माध्यम से उनकी तैनाती की गई थी, उसने सिक्योरिटी मनी के नाम पर प्रत्येक कर्मचारी से ₹5,000 जमा करवाए थे। लेकिन जब जून माह से एक नई कंपनी ने कार्यभार संभाला, तब भी वेतन भुगतान नहीं किया गया। इससे कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है।
अप्रैल व मई महीने का वेतन अब तक नहीं मिला। जून में आई नई कंपनी ने भी अब तक सैलरी नहीं दी, पहले की कंपनी ने सिक्योरिटी के नाम पर पैसे लिए, वापसी नहीं की।
विनीत कुमार (मीटर रीडर) ने कहा,
“हमने समय से बिलिंग की, उपभोक्ताओं के घर-घर जाकर मीटर रीडिंग ली, लेकिन आज तक हमें हमारी मेहनत की कमाई नहीं दी गई। दो महीने से जेब खाली है। आखिर हम परिवार कैसे चलाएं?”
रवि कुमार (प्रभावित कर्मचारी) बोले,
“पहली कंपनी ने तो सिक्योरिटी के नाम पर 5-5 हजार रुपये ले लिए थे। नई कंपनी आई, उसने भी वेतन नहीं दिया। हम लोगों का शोषण हो रहा है।”
बिलिंग कार्य ठप होने से शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बिल वितरण में देरी हो रही है। कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की कि समय से बिल न मिलने पर विलंब शुल्क भी जोड़ दिया जाता है, जिससे आम नागरिक को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह मामला आउटसोर्सिंग कंपनी और उनके कर्मचारियों के बीच का है। लेकिन सूत्रों के अनुसार, उच्चाधिकारियों को ज्ञापन देकर हस्तक्षेप की मांग की गई है।
मीटर रीडरों की यह हड़ताल बिजली उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का कारण बन रही है। यदि जल्द ही वेतन भुगतान और सिक्योरिटी धन की वापसी नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज हो सकता है। सवाल यह भी उठता है कि बिजली विभाग में ठेका व्यवस्था के तहत काम कर रहे कर्मचारियों के अधिकारों की निगरानी कौन करेगा?