फर्रुखाबाद: 22 साल पुराने बहुचर्चित कलुआ गैंग (Kalua gang) द्वारा एसओ सहित चार पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र शैलेन्द्र सचान की अदालत ने देवेन्द्र कुमार उर्फ फौजी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा (life imprisonment) सुनाई है। साथ ही उस पर 12 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
हालांकि, साक्ष्य के अभाव में धनपाल और सोनपाल नामक दो आरोपियों को बरी कर दिया गया। 26 मार्च 2003 को कंपिल थाना क्षेत्र में डकैती और हत्या की वारदात हुई थी। इस दौरान दबिश देने पहुंचे एसओ सहित चार पुलिस कर्मियों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। मामले में हेड कांस्टेबल राम सेवक यादव ने कलुआ गैंग के 40 अज्ञात सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
जांच में देवेन्द्र कुमार उर्फ फौजी निवासी परनिया, थाना बीसलपुर (जनपद पीलीभीत), धनपाल पुत्र रामेश्वर यादव निवासी गुजरपुरा, थाना अमृतपुर (फर्रुखाबाद) और सोनपाल निवासी ददरौल, थाना कांठ (शाहजहांपुर) के नाम प्रकाश में आए। पुलिस ने तीनों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।
अभियोजन पक्ष की ओर से तेज सिंह राजपूत, अनुज प्रताप सिंह और के.के. पांडे ने पैरवी की। गवाहों और सबूतों के आधार पर अदालत ने देवेन्द्र उर्फ फौजी को दोषी पाया और उम्रकैद की सजा सुनाई। इस फैसले को फर्रुखाबाद की पुलिस और शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों ने न्याय की बड़ी जीत बताया है।