यूथ इण्डिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। मेला श्री राम नगरिया में कल्पवास कर रहे संतों के बीच विवाद गहरा गया है। गंगा सेवक और उनके साथियों के साथ हुए टकराव ने तूल पकड़ लिया, जिससे माहौल गरमा गया। विवाद बढऩे पर संत व गंगा सेवक के दो गुट आमने-सामने आ गए और इसे जातीय रंग देने की कोशिशें शुरू हो गईं।
इस विवाद के बाद कुछ हिंदूवादी संगठन खुलकर ब्राह्मण समाज के समर्थन में उतर आए, जबकि दूसरी ओर श्री पक्षदशनाम जूना अखाड़ा अध्यक्ष संत सत्यगिरि महाराज के पक्ष में करणी सेना आ गई। इससे मेले में तनावपूर्ण माहौल बन गया और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
गंगा सेवक प्रदीप शुक्ला ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि उन पर और उनके साथियों पर जानलेवा हमला किया गया। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोगों ने पूर्व नियोजित तरीके से उन पर हमला किया और उनकी जान लेने की कोशिश की।
स्थिति को बिगड़ता देख भारी पुलिस बल मेला श्री राम नगरिया पहुंच गया और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने दोनों पक्षों से बातचीत कर शांति बनाए रखने की अपील की।
पुलिस ने बताया कि मामले की जांच जारी है और सभी पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।मामला बीती रात का है, शुक्रवार को पूरा दिन यह मामला चर्चा का विषय बना रहा और प्रशासन की कड़ी निगरानी बनी रही।
इस विवाद के बाद मेला प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में है। लगातार बढ़ते विवाद से श्रद्धालु भी असमंजस में पड़ गए हैं और मेले की शांति भंग होने की आशंका जताई जा रही है। अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन इस संवेदनशील मामले में क्या कार्रवाई करता है और क्या विवाद को सुलझाने के लिए कोई समझौता संभव है या फिर मामला और आगे बढ़ेगा।
वहीं दूसरी ओर जब इस बात की जानकारी हिंदू वादी संगठनों को हुई तो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन से प्रदेश अध्यक्ष धीरज पांडे जिला अध्यक्ष गौरव यादव उपाध्यक्ष गोपाल कृष्ण सक्सेना जिला सचिव दिनेश चंद्र यादव, संजय कटियार किसान यूनियन जिला अध्यक्ष सत्यवान झा हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष विमलेश मिश्रा भाजपा जिला मंत्री अंकित तिवारी ब्राह्मण महासंघ के संस्थापक नारायण दत्त द्विवेदी सहित अन्य संगठन एकत्र हुए और लोहिया अस्पताल पहुंचे जहां भरती गंगा सेवक से मामले की जानकारी की हिंदूवादी संगठनों में पुलिस के प्रति आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि इतना समय बीत जाने के बाद भी मिली तहरीर के अनुसार पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया सभी संगठनों ने एकजुट होकर कहा कि यदि मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा तो थाने का घेराव किया जाएगा।
इसी के साथ सभी संगठनों ने जिला अधिकारी से लेकर अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को तहरीर देकर सत्य गिरी महाराज व उनके सहयोगियों पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा अध्यक्ष कर यवाही किए जाने की मांग की है बता दे कि डॉ राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर योगेंद्र सिंह के न होने पर गंगा सेवक प्रदीप शुक्ला का मेडिकल परीक्षण भी नहीं हो सका उधर दूसरी ओर पांचाल घाट की रहने वाली उषा देवी पत्नी चमन लाल कठेरिया ने तहरीर देते हुए आरोप लगाया कि उनका बेटा रचित 10 वर्ष जो कि अपने भाई सचिन को खाना देने के लिए जा रहा था पीडि़त उषा उसके पुत्र मेला रामनगरिया में प्रसाद बेचने का काम करते हैं जिस समय रचित टिफिन लेकर खाना देने जा रहा था इस दौरान बाबा सत्यागिरी के चेले ने बाइक से उसके टक्कर मार दी जब उसने विरोध किया तो उसके साथ अभद्रता करने लगा टिफिन लग गया। इसी बात को लेकर सत्य गिरी महाराज अपने 2५-30 लोगों को लेकर हाथों में गधा तलवार लाठी डंडा लेकर आए और मारपीट करने लगे। अरोप है कि उनके साथ में मेला व्यवस्थापक संदीप दीक्षित भी आए और उसकी दुकान पर जाकर शर्मनाक हरकतें की और दुकान से रखी नगदी भी लूट ली इतना ही नहीं बाबा सत्य गिरी उसके बड़े बेटे सचिन को अपने क्षेत्र में पकड़ ले गए जैसे तैसेब है वहां से अपनी जान बचाकर भाग निकला पीडि़त महिला ने प्रशासनिक अधिकारियों को तहरीर देकर बाबा सत्याग्रह उनके चेलों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।
मेला श्री राम नगरिया में संत व गंगा सेवक के बीच विवाद गहराया
