यूथ इण्डिया संवाददाता
फर्रूखाबाद। अपराकाशी पांचालघाट पर मेला श्रीराम नगरिया में जूना अखाड़ा क्षेत्र की छठी सीढ़ी पर स्थित संत समिति के अध्यक्ष महंत सत्यगिरी महाराज के आश्रम में श्रीराम कथा का भव्य आयोजन किया गया। कथा के द्वितीय दिवस पर आचार्य अम्बरीष महाराज ने भगवान शिव और माता सती के प्रसंग पर प्रवचन किया।
आचार्य अम्बरीष महाराज ने बताया कि भगवान भोलेनाथ को कुंभज ऋषि ने श्रीराम कथा सुनाई थी। माता सती को यह संदेह था कि भगवान श्रीराम वास्तव में भगवान कैसे हो सकते हैं, जब वे पत्नी वियोग में वन-वन भटक रहे हैं। इस संदेह को दूर करने के लिए माता सती ने स्वयं माता सीता का रूप धारण कर भगवान श्रीराम की परीक्षा ली। भगवान श्रीराम ने तुरंत पहचान लिया कि यह माता सती हैं, जो उनकी परीक्षा लेने आई हैं। उन्होंने सती को मां कहकर संबोधित किया, जिससे सती को यह विश्वास हो गया कि श्रीराम कोई साधारण मानव नहीं, बल्कि स्वयं भगवान विष्णु के अवतार हैं। जब माता सती कैलाश पर्वत लौटीं, तो भगवान शिव ने उनसे परीक्षा लेने के बारे में पूछा। सती ने झूठ बोलते हुए कहा, कछु न परीक्षा लीन गुसाईं मैंने कोई परीक्षा नहीं ली। इस पर भगवान शिव अत्यंत क्रोधित हो गए और कहा कि अब आप मेरी अर्धांगिनी नहीं रह सकतीं, क्योंकि आपने माता सीता का रूप धारण किया था।
राम कथा के इस आयोजन में संत समिति के अध्यक्ष महंत सत्यगिरी महाराज, फर्रुखाबाद विकास मंच के जिलाध्यक्ष भइयन मिश्रा, कोमल पांडेय, सनी गुप्ता, दीपक गौतम, शिवम गुप्ता, जूना अखाड़ा के सचिव विनीत गिरी द्विवेदी, श्यामेंद्र दुबे, राम कुमार सामवेदी, जवाहर मिश्रा, प्रमोद दीक्षित, अनुज मिश्रा, पंकज राठौर, अनिल द्विवेदी, जोगराज राजपूत, सुमित गुप्ता, विनोद राजपूत और आजाद तिवारी सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। राम कथा में श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से श्रीराम के जीवन प्रसंगों को सुना और भगवान शिव व माता सती के प्रसंग से प्रेरणा ली।
मेला श्रीराम नगरिया में रामकथा का हुआ आयोजन
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