लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने 1 नवंबर को BAMCEF (पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ) की एक विशेष बैठक बुलाई है। इस बैठक में संगठनात्मक रणनीति और पिछड़े वर्गों की भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, बैठक में BAMCEF कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने और पार्टी के संगठनात्मक ढाँचे को मज़बूत करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा। 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले, बसपा ने BAMCEF को पुनर्जीवित करने का भी प्रयास किया था, लेकिन इन प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला।
अब, 2027 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों को देखते हुए, मायावती का लक्ष्य पार्टी के ज़मीनी आधार के विस्तार के लिए बामसेफ को एक प्रमुख माध्यम बनाना है। मायावती के स्वयं इस बैठक में शामिल होने और पिछड़े समुदायों को बसपा के बैनर तले संगठित करने की रणनीतियों को अंतिम रूप देने की उम्मीद है। चर्चा इस बात पर भी केंद्रित होगी कि BAMCEF से जुड़े सरकारी कर्मचारी और शिक्षित वर्ग पार्टी की विचारधारा का और अधिक प्रभावी ढंग से प्रचार कैसे कर सकते हैं और हाशिए पर पड़े समुदायों तक पहुँच कैसे बना सकते हैं।
इस बीच, बसपा जमीनी स्तर पर गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए संगठनात्मक फेरबदल कर रही है। सरवर मलिक को लखनऊ मंडल का प्रभारी नियुक्त किया गया है, जबकि मुनकाद अली को कानपुर और लखनऊ दोनों मंडलों का प्रभार दिया गया है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि BAMCEF हमेशा से बसपा की वैचारिक रीढ़ रहा है और इसकी नई सक्रियता 2027 के विधानसभा चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।


