लखनऊ/मुरादाबाद: बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो Mayawati ने सोमवार को दो बड़े मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। मुरादाबाद स्थित तथागत गौतम बुद्ध पार्क (Gautam Buddha Park) में नगर निगम द्वारा सीनियर केयर सेंटर के निर्माण पर कड़ा विरोध जताते हुए मायावती ने कहा कि यह पार्क बौद्ध धर्म, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, मान्यवर कांशीराम और बहुजन समाज की आस्था से जुड़ा है। यहां किसी भी तरह का निर्माण कार्य समाज की भावनाओं को आहत करता है और इससे अशांति व तनाव का माहौल बन रहा है।
मायावती ने सरकार से मांग की कि तुरंत प्रभाव से इस निर्माण को रोका जाए ताकि शांति, सौहार्द और भाईचारा कायम रहे। उन्होंने कहा कि यह स्थल केवल एक पार्क नहीं बल्कि समाज के आत्म-सम्मान और आस्था का प्रतीक है, जिसे छेड़ना अस्वीकार्य है। इसके साथ ही मायावती ने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के हितों को लेकर भी बड़ा बयान दिया।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार की योजना के तहत उत्तर प्रदेश में चार मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए थे, जहां SC/ST वर्ग को 70 प्रतिशत सीटें आवंटित करने का प्रावधान था। लेकिन हाल ही में माननीय न्यायालय ने आदेश दिया कि इन कॉलेजों में भी अन्य मेडिकल कॉलेजों की तरह ही — SC को 21 प्रतिशत और ST को केवल 2 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
मायावती ने इसे कमजोर वर्गों के साथ अन्याय बताते हुए प्रदेश सरकार से अपील की कि वह अदालत में वास्तविक तथ्य रखे और इस आदेश को निरस्त करवाए। उनका कहना है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के छात्रों का बड़ा नुकसान होगा और उनके लिए उच्च शिक्षा तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा।
मायावती ने कहा –
“बहुजन समाज की आस्था स्थलों से छेड़छाड़ और SC/ST वर्गों के हक पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार को तुरंत एक्शन लेना चाहिए।”
विशेषज्ञों का मानना है कि मायावती का यह बयान बहुजन समाज की अस्मिता और शिक्षा अधिकार दोनों को लेकर एक साथ दोहरा संदेश देता है। आने वाले समय में यह मुद्दे राजनीतिक रूप से और भी गरमाहट ला सकते हैं।