मौलाना तौकीर रजा के आठ सिपहसालारों का एलआईयू निगरानी कार्ड खोला, खुफिया निगरानी में ताउम्र रहेंगे

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बरेली। बवाल के बाद पुलिस ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा के आठ सिपहसालारों का एलआईयू निगरानी कार्ड खोल दिया है। इन आरोपियों और उनके करीबियों की खुफिया जांच के बाद फाइल खोली जाएगी। अब ये सभी ताउम्र स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) की निगरानी में रहेंगे।

पुलिस के मुताबिक, मौलाना तौकीर रजा के आह्वान पर जुमे की नमाज के बाद शहर में जुटी भीड़ ने बवाल किया था। इस दौरान पुलिस टीम पर पथराव और फायरिंग हुई, एंटी राइट गन और वायरलेस सेट लूटे गए, जबकि 22 पुलिसकर्मी घायल हुए। शहर में 10 स्थानों पर उपद्रवियों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। इस मामले में अब तक मौलाना तौकीर रजा समेत 84 आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है, जिनमें तीन को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया।

पुलिस जांच में सामने आया कि मौलाना के खास सिपहसालार—डॉ. नफीस, नदीम खान, अफजाल बेग, पार्षद अनीस सकलैनी, मीडिया प्रभारी मुनीर अहमद उर्फ मुनीर इदरीसी, अल्तमश रजा, मौलाना एहसान उल हक चतुर्वेदी और साबिक जमाल खां—भीड़ जुटाने और बवाल कराने में अहम भूमिका निभा रहे थे। ये आरोपी पहले भी ऐसे प्रदर्शन कर चुके हैं, जिनसे शहर की कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक माहौल प्रभावित हो सकता था।

एलआईयू कार्ड खोलने के बाद खुफिया इकाई आरोपियों, उनके परिवार और करीबियों की पूरी कुंडली खंगालने में जुट गई है। खुफिया फाइल उन लोगों की खोली जाती है, जो कम से कम पांच वर्षों से सक्रिय हों और सरकार के फैसलों के विरोध में ऐसे प्रदर्शनों का आयोजन करते रहे हों, जिनसे सांप्रदायिक तनाव या दंगा होने की आशंका रहती हो। बवाल के मास्टरमाइंड मौलाना तौकीर रजा का कार्ड और फाइल पहले ही खोली जा चुकी थी। उनके करीबी डॉ. नफीस पर भी लंबे समय से निगरानी चल रही है। इस बार इनके सिपहसालार भी रडार पर आ गए हैं।

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