लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार देर रात आईपीएस अधिकारियों (IPS officers) के बड़े पैमाने पर तबादले (transfer) कर दिए। एक साथ 28 वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों की तैनाती बदली गई है। इन तबादलों से जहां पुलिस प्रशासन में नई ऊर्जा आने की उम्मीद जताई जा रही है, वहीं कई जिलों और विभागों की कमान भी बदल गई है।
बड़े स्तर पर फेरबदल, अहम पदों पर नई जिम्मेदारी
प्रदेश सरकार ने जिन अधिकारियों को नई जिम्मेदारी सौंपी है, उनमें कई दिग्गज आईपीएस शामिल हैं।
राजीव सभरवाल को डीजी पीटीसी मुरादाबाद बनाया गया है।
सतीश गणेश, जिनकी लखनऊ वापसी हुई है, को एडीजी ट्रैफिक की जिम्मेदारी दी गई है।
मोदक राजेश अब आईजी जीआरपी होंगे।
सत्यनारायण को एडीजी एसीओ बनाया गया है।
सुभाष चंद्र दुबे को आईजी महिला एवं बाल सुरक्षा का पद मिला है।
डीआईजी और एसपी स्तर पर भी तबादले
अनीस अंसारी को डीआईजी पीएसी लखनऊ नियुक्त किया गया।
देव रंजन को डीआईजी स्थापना बनाया गया।
डॉ. मिनाक्षी को सेनानायक वाराणसी भेजा गया।
सर्वोदय चंद्र यादव को एसपी एसएसएफ बनाया गया।
पंकज पांडेय को एसपी पीएसी मुख्यालय की जिम्मेदारी दी गई।
महेंद्र पाल को सेनानायक एसएसएफ सहारनपुर भेजा गया।
शुभम पटेल को एसपी तकनीकी सेवाएं बनाया गया।
मनोज अवस्थी को सेनानायक 12वीं पीएसी फतेहपुर नियुक्त किया गया।
अशोक कुमार को एसपी पावर कॉर्पोरेशन बनाया गया।
सुंदरकांत मीणा को एसपी इंटेलीजेंस कानपुर भेजा गया।
रोहन झा को एएसपी साइबर क्राइम लखनऊ की जिम्मेदारी दी गई।
निहारिका शर्मा को सेनानायक पीएसी गोरखपुर नियुक्त किया गया।
संजीव बाजपेयी को सेनानायक पीएसी एटा की जिम्मेदारी दी गई।
अनिल कुमार को प्रधानाचार्य पीटीएस गोरखपुर नियुक्त किया गया।
मुख्यालय स्तर पर भी बदलाव
ब्रजेश गौतम और ओमप्रकाश सिंह दोनों को डीजी मुख्यालय भेजा गया है।,
ओमप्रकाश द्वितीय और अजीजुल हक को भी पुलिस मुख्यालय भेजा गया।
खुफिया और एटीएस विभाग में तबादले,
विनय कुमार सिंह को एसपी एटीएस बनाया गया।
अशोक कुमार को एसपी पुलिस भर्ती बोर्ड की जिम्मेदारी दी गई।
संजय राय को एसपी इंटेलीजेंस अयोध्या भेजा गया।,
आनंद कुमार द्वितीय को एसपी इंटेलीजेंस बरेली बनाया गया।
संजय कुमार द्वितीय को एसपी इंटेलीजेंस गोरखपुर की, जिम्मेदारी दी गई।
इन तबादलों को सरकार की रणनीतिक पहल माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार अपराध नियंत्रण, खुफिया तंत्र को मजबूत करने और आगामी चुनावी तैयारियों को ध्यान में रखते हुए यह बड़े स्तर का फेरबदल किया गया है। लखनऊ और गोरखपुर समेत कई संवेदनशील जिलों में खुफिया तंत्र को और मजबूत करने की कवायद साफ झलक रही है।


