हिंदी संस्थान के कार्यक्रम में गमगीन माहौल, शोक की लहर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शंभुनाथ का शनिवार को मंच पर निधन हो गया। यह घटना हिंदी संस्थान के सभागार में उस समय हुई जब वे ‘काल की कथा’ नामक कहानी सुना रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, डॉ. शंभुनाथ मंच पर खड़े होकर यह सुना रहे थे कि “काल यानी मौत कैसे आती है”। तभी अचानक वे माइक थामे-थामे मेज पर लुढ़क गए। लोग कुछ समझ पाते, इसके पहले ही उनकी सांसें थम चुकी थीं। कार्यक्रम स्थल पर अफरा-तफरी मच गई।
आनन-फानन में उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। कार्यक्रम में मौजूद सभी साहित्यकार, अधिकारी और श्रोता स्तब्ध रह गए।
डॉ. शंभुनाथ के मंच से निकले अंतिम शब्द थे—
“एक राजा सपना आता कि तुम्हारी मौत तय है, और तुम यहां आओगे कैसे?”
1970 बैच के IAS अधिकारी रहे और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव पद तक पहुंचे।
साहित्य में गहरी रुचि के कारण सेवा निवृत्ति के बाद सक्रिय रूप से लेखन और साहित्य सेवा में लगे रहे।
हिंदी संस्थान सहित कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उनके साहित्यिक विचारों का सम्मान किया गया।
डॉ. शंभुनाथ के अचानक चले जाने से साहित्यिक जगत और प्रशासनिक परिवार में गहरा शोक छा गया है। हिंदी संस्थान और साहित्य प्रेमियों ने इसे “अपूरी क्षति” बताया है।

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