हापुड़: यूपी के हापुड़ जिले के एक व्यक्ति को लगभग 50 करोड़ रुपये के बीमा का दावा करने के लिए अपने माता-पिता और पत्नी की हत्या (murders) करने के आरोप में गिरफ्तार (arrested) किया गया है। विशाल कुमार नाम के आरोपी को उसके साथी सतीश कुमार के साथ पुलिस ने हापुड़ के मोदीनगर रोड से गिरफ्तार किया। निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने हापुड़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए दावा किया है कि एक सड़क दुर्घटना में हुई मौत दरअसल दुर्घटना नहीं, बल्कि 50 करोड़ रुपये की बीमा राशि हड़पने की सुनियोजित साजिश हो सकती है।
इस मामले में मृतक मुकेश सिंघल, उनके नामांकित विशाल कुमार और संजय कुमार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस अब इस पूरे प्रकरण की परत-दर-परत जांच कर चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि विशाल ने अपने पिता, माता और पत्नी के नाम पर कई उच्च-मूल्य वाली बीमा पॉलिसियाँ ली थीं। फिर उसने कथित तौर पर भारी बीमा राशि का दावा करने के लिए उनकी मौत की साजिश रची, जो दुर्घटना प्रतीत होती थी।
जाँच तब शुरू हुई जब बीमा कंपनियों ने संदिग्ध दावों और दुर्घटना रिपोर्ट और मेडिकल रिकॉर्ड में विसंगतियों को चिह्नित किया। जल्द ही पता चला कि विशाल के परिवार के सदस्यों की मौतें स्वाभाविक नहीं थीं। शुरुआत में सड़क दुर्घटना बताई गई विशाल कुमार के पिता मुकेश की मौत ने तब संदेह पैदा कर दिया जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में विसंगतियां सामने आईं। मामूली आर्थिक स्थिति होने के बावजूद, मुकेश के पास 39 करोड़ रुपये से ज़्यादा की बीमा पॉलिसियाँ थीं। बीमा कंपनी के अधिकारियों ने दुर्घटना के समय और अस्पताल में भर्ती होने के रिकॉर्ड में विरोधाभास पाया।
बताई गई चोटें ऐसी सड़क दुर्घटनाओं में आमतौर पर होने वाली चोटों से मेल नहीं खातीं, जिससे जाँचकर्ताओं को गड़बड़ी का संदेह हुआ। विशाल की माँ प्रभा देवी की कथित तौर पर 2017 में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। विशाल उनके साथ बाइक चला रहे थे, तभी उनकी कथित तौर पर एक अज्ञात वाहन से टक्कर हो गई। उनकी मृत्यु के बाद, विशाल ने लगभग 80 लाख रुपये के बीमा का दावा किया।
अब इस दुर्घटना की वैधता पर भी सवाल उठने लगे हैं। विशाल को अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद लगभग 30 लाख रुपये का बीमा भी मिला था, जिसकी अब जाँच के तहत नए सिरे से जाँच की जा रही है। बीमा कंपनी निवा बूपा के प्रतिनिधि संजय कुमार ने बताया कि विशाल ने आंतरिक जाँच के दौरान सहयोग नहीं किया। उन्होंने कथित तौर पर ज़रूरी दस्तावेज़ देने से इनकार कर दिया और जाँच को गुमराह करने के लिए अधिकारियों और गवाहों को रिश्वत देने की भी कोशिश की।
अधिकारियों को आधार और पैन कार्ड पर उम्र के रिकॉर्ड में भी विसंगतियाँ मिलीं, साथ ही घटना से संबंधित अस्पताल के रिकॉर्ड और वाहन पंजीकरण में भी अनियमितताएँ पाई गईं। हापुड़ के सिटी सर्कल ऑफिसर (सीओ सिटी) वरुण मिश्रा ने पुष्टि की कि विशाल और उसके साथी सतीश ने पूरी योजना बनाई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस को संदेह है कि यह एक बहुत बड़े बीमा धोखाधड़ी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। मिश्रा ने कहा, “जांच जारी है और आने वाले दिनों में और खुलासे होने की उम्मीद है।” दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और पुलिस साजिश की जाँच जारी रखे हुए है।