कोलकाता । पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर के सरकारी आरजी कर सरकारी अस्पताल में पिछले साल अगस्त में एक महिला चिकित्सक की रेप और हत्या के मामले में दोषी करार दिये गए संजय रॉय (Sanjay Roy) को सियालदह की अदालत ने आजीवन कारवास की सजा सुनाई है। इस फैसले पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए बंगाल सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee ) ने अदालत के फैसले पर असंतोष जताया है। ममता ने कहा कि यह केस कोलकाता पुलिस से जबरन छीनकर सीबीआई को सौंपा गया, अगर मामला राज्य पुलिस के पास ही होता तो मौत की सजा कंफर्म होती।
इससे पहले सोमवार को सियालदह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की अदालत ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) में महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर केस में दोषी संजय रॉय को मरते दम तक उम्रकैद की सजा सुनाई। फैसले पर अदालत ने टिप्पणी की कि यह अपराध ‘दुलर्भ से दुर्लभतम’ श्रेणी में नहीं आता, जिससे दोषी को मृत्युदंड दिया जा सके। संजय रॉय को 50 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना लगाया गया है। साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह पीड़ित परिवार को 17 लाख रुपए की आर्थिक मदद दें। हालांकि परिवार ने आर्थिक मदद लेने से इनकार कर दिया है और इंसाफ की गुहार लगाई है।
अदालत के फैसले पर सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने असंतोष जताया। मुर्शिदाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस मामले को गहराई से जांच रही थी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही थी। लेकिन मामले को उनसे जबरन छीन लिया गया। अगर यह मामला कोलकाता पुलिस के पास रहता, तो दोषियों को मौत की सजा मिलना निश्चित था। बता दें कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद मामला कोलकाता पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर किया गया था।
उन्होंने कहा कि हम सभी ने मौत की सजा की मांग की थी, लेकिन अदालत ने मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा दी है। हमें नहीं पता कि जांच कैसे की गई। राज्य पुलिस द्वारा जांच किए गए ऐसे ही कई मामलों में मौत की सजा सुनिश्चित की गई है। इस फैसले से मैं संतुष्ट नहीं हूं। ममता के इस बयान से राज्य और केंद्र सरकार के बीच तनाव और बढ़ने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने केंद्र पर लगातार राज्य के मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां न्याय प्रक्रिया में बाधा डाल रही हैं।