लखनऊ। निर्धारित सीमा से 1.72 लाख घन मीटर अधिक बालू खनन के मामले में कैसरगंज सांसद करण भूषण सिंह को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल सकी है। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने जुर्माने और रॉयल्टी सहित करीब 4.88 करोड़ रुपये की वसूली को चुनौती देने वाली उनकी रिट याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि अदालत ने उन्हें राज्य प्राधिकरण में रिवीजन दाखिल करने के लिए हुई देरी को लेकर छूट अवश्य प्रदान की है। जानकारी के अनुसार, मेसर्स नंदिनी इंफ्रास्ट्रक्चर विश्नोहरपुर तरबगंज के प्रोपराइटर स्वयं सांसद करण भूषण सिंह हैं। फर्म को तरबगंज तहसील के ग्राम दुर्गागंज में बालू खनन का पांच वर्ष का पट्टा मिला था। 19 और 20 जनवरी 2019 को गोंडा के खान निरीक्षक तथा भूतत्व एवं खनिकर्म कार्यालय अयोध्या के सर्वेयर ने पट्टा क्षेत्र का निरीक्षण किया था, जिसमें स्वीकृत सीमा से अधिक खनन पाया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन जिलाधिकारी नितिन बंसल ने 15 जून 2019 को फर्म पर दस लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए बालू की रॉयल्टी और खनिज मूल्य मिलाकर 4.88 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश दिया था, जिसे 15 दिन में जमा करने के निर्देश दिए गए थे। इसी वसूली आदेश को चुनौती देते हुए सांसद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे अब खारिज कर दिया गया है।





