फर्रुखाबाद: आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी (Sadar MLA Major Sunil Dutt Dwivedi) को दी गई सजा पर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश ने स्थगन आदेश जारी कर बड़ी राहत प्रदान की है। न्यायालय (Court) ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए दो बार दंडित नहीं किया जा सकता, अतः इस प्रकरण में पारित पूर्व आदेश की वैधता पर प्रश्न उठता है।
मामले की सुनवाई के दौरान विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित हुए। उनके अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि उक्त अपराध के संबंध में पहले ही न्यायालय द्वारा दंडादेश पारित किया जा चुका है, ऐसे में पुनः सजा देना न्यायिक सिद्धांतों के विपरीत है। अधिवक्ताओं के तर्कों से सहमत होते हुए जनपद एवं सत्र न्यायाधीश ने निचली अदालत द्वारा दी गई सजा एवं लगाए गए अर्थदंड दोनों पर स्थगन आदेश पारित किया।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदेश “नेमो डेबिट बिस वेक्सारी” (कोई व्यक्ति एक ही अपराध के लिए दो बार दंडित नहीं किया जा सकता) जैसे मूल न्याय सिद्धांत पर आधारित है। इस निर्णय से सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी को महत्वपूर्ण कानूनी राहत मिली है, जबकि आगामी तिथि पर मामले की विधिक समीक्षा की जाएगी।


