– सीएम योगी की पहल से ‘Ease of Doing Business’ में बड़ा सुधार, अब सरकारी संस्थानों के निरीक्षण प्रमाणपत्र भी होंगे मान्य
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की औद्योगिक विकास को गति देने की निरंतर मुहिम के तहत प्रदेश सरकार ने Ease of Doing Business के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाया है। अब उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिलने वाली सीटीई (Consent to Establish) और सीटीओ (Consent to Operate) प्रक्रिया में राहत दी गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में मंगलवार को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक अहम बैठक डॉ. एमपी सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जिसमें उद्योगों के लिए त्वरित अनुमति प्रणाली को और सरल बनाने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। बैठक में यह तय किया गया कि अब जिन आवेदनों की लंबित जांच और निरीक्षण प्रक्रिया में देरी हो रही थी, उनके लिए तीसरे पक्ष के निरीक्षण संस्थानों (Third Party Inspection Agencies) को भी मान्यता दी जाएगी। इन संस्थानों में आईआईटी, सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज, या अन्य तकनीकी संस्थान शामिल होंगे।
पूर्व में यह अधिकार केवल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के पास था, जिससे उद्योगों को लंबी प्रक्रिया और विलंब का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त बाहरी संस्थान भी निरीक्षण आख्या प्रस्तुत कर सकेंगे, जिसके आधार पर उद्योगों को सीटीई/सीटीओ स्वीकृति दी जा सकेगी।
इस फैसले के बाद उद्योगों को सरकारी निरीक्षण की बाध्यता से राहत मिलेगी और प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं त्वरित निपटान सुनिश्चित होगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, यह कदम उद्योगों को आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने वाला है। अब उद्योग अपनी सुविधा अनुसार मान्यता प्राप्त निरीक्षण संस्था का चयन स्वयं कर सकेंगे।
सरकार का दावा है कि यह निर्णय न केवल Ease of Doing Business में सुधार लाएगा, बल्कि गवर्नेंस में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, इस नीति से औद्योगिक क्षेत्र को नई ऊर्जा मिलेगी, निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और प्रदेश की छवि उद्योग-हितैषी राज्य के रूप में और सशक्त होगी।


