– 268 करोड़ की लागत से निर्मित, 52 एकड़ में फैला भव्य विश्वविद्यालय पूर्वांचल को देगा आयुष चिकित्सा में नई ऊंचाई
गोरखपुर। गोरखपुर की धरती आज एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी जब भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने महायोगी गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का भव्य लोकार्पण किया। कुल ₹268 करोड़ की लागत से निर्मित यह विश्वविद्यालय 52 एकड़ क्षेत्रफल में विस्तृत है और आयुष चिकित्सा की शिक्षा व अनुसंधान के क्षेत्र में पूर्वांचल सहित पूरे उत्तर भारत के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गरिमामयी उपस्थिति में मौजूद रहे। मुख्यमंत्री योगी ने विश्वविद्यालय की संकल्पना और निर्माण को “पूर्वांचल के स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल” करार दिया।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा कि आयुष चिकित्सा प्रणाली भारत की प्राचीन धरोहर है और इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ऐसे विश्वविद्यालयों की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि यह संस्थान योग, आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी और नैचुरोपैथी जैसे क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शोध को बढ़ावा देगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह विश्वविद्यालय न केवल चिकित्सा शिक्षा देगा, बल्कि “आयुष पर्यटन” को भी प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में यहाँ पर हजारों छात्र पढ़ाई करेंगे और क्षेत्रीय लोगों को आयुष चिकित्सा से जुड़ी सेवाएं उपलब्ध होंगी।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों की सराहना करते हुए इसे ‘उत्तर प्रदेश के लिए गौरव का विषय’ बताया।