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Thursday, September 19, 2024

महाठग अनूप सिंह राठौर रच्छू की ठगी का पर्दाफाश: माफिया अनुपम दुबे के करीबी, करोड़ों की ठगी

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यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। महाठग अनूप सिंह राठौर उर्फ रच्छू के ठगी के मामले में लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं। रच्छू ने कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों से करोड़ों रुपये की ठगी की है, और उसकी आपराधिक गतिविधियों का संबंध फर्रुखाबाद के कुख्यात माफिया अनुपम दुबे और उसके इनामी बदमाश भाई से भी जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही, रच्छू अवैध हथियार रखने और लेडी डॉन प्रकरण में भी पहले गिरफ्तार हो चुका है।
ठगी के शिकार पीडि़तों की सूची
पवन कटियार (राजीव गांधी नगर, जेएनवी रोड निवासी): 19 लाख रुपये की ठगी।
अवनीश कुमार दुबे (जेएनवी रोड निवासी): 46 लाख रुपये ठगे गए।
अनुराग राठौर (धीरपुर गांव, मोहम्मदाबाद निवासी, शिक्षक): 30 लाख रुपये।
सुरजीत कटियार (अपना दल के नेता): 60 लाख रुपये की ठगी।
इसके अलावा, रच्छू ने दर्जनों अन्य लोगों को भी अपनी ठगी का शिकार बनाया, और ठगी की कुल राशि करोड़ों में पहुंच गई है। इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं।
माफिया अनुपम दुबे से नजदीकी और आपराधिक संबंध
अनूप सिंह राठौर रच्छू का नाम कुख्यात माफिया अनुपम दुबे और उसके इनामी बदमाश भाई के बेहद करीबी के रूप में सामने आया है। रच्छू न केवल अनुपम दुबे के साथ अवैध गतिविधियों में शामिल था, बल्कि उसने कई अवैध जमीनों पर भी कब्जा किया। अनुपम दुबे के भाई को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है, और रच्छू को भी अवैध हथियार बरामदगी और लेडी डॉन प्रकरण में गिरफ्तार किया गया था।
एसओजी द्वारा हुई थी रच्छू की गाड़ी से हथियार बरामदगी
एसओजी प्रभारी रहे कुलदीप दीक्षित ने कुछ वर्ष पहले रच्छू की गाड़ी से अवैध हथियार भी बरामद किए थे। इस बरामदगी के बाद उसे उसके पैतृक गांव गोसरपुर से गिरफ्तार कर लिया गया था जिसमे उसके भाई सत्तू को जेल भेजा गया था, रच्छू की माफिया से करीबी और पुलिस की निष्क्रियता ने उसे लंबे समय तक कानून के शिकंजे से बचाए रखा।
कथित रिपोर्टर की संदिग्ध भूमिका और पुलिस पर सवाल
ठगी और आपराधिक गतिविधियों के इस मामले में एक कथित रिपोर्टर की संदिग्ध भूमिका भी सामने आई है। आरोप है कि इस रिपोर्टर ने रच्छू के पक्ष में काम करते हुए पुलिस को गुमराह किया, जिससे उसकी गिरफ्तारी में देरी हुई। इसके अलावा, फतेहगढ़ कोतवाली के इंस्पेक्टर हरि श्याम ने रच्छू के खिलाफ दर्ज मुकदमे में रंगदारी की धारा हटा दी, जिससे उसकी गिरफ्तारी टल गई। इस घटनाक्रम ने पुलिस की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एसपी आलोक प्रियदर्शी ने दिए जांच के आदेश:
मामले की गंभीरता को देखते हुए, एसपी आलोक प्रियदर्शी ने तुरंत जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे पुलिसकर्मी हों, या कथित रिपोर्टर। एसपी ने यह भी आश्वासन दिया कि पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
ठगी और अन्य अवैध गतिविधियों से पीडि़त लोग अब न्याय की मांग कर रहे हैं। रच्छू और उसके सहयोगियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, और अवैध गतिविधियों में शामिल अन्य लोगों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है।

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