नई दिल्ली। महर्षि वाल्मीकि प्रकाश पर्व को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। इसी क्रम में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ़ रावण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि इस पावन पर्व को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए।
चंद्रशेखर आज़ाद ने अपने पत्र में लिखा है कि महर्षि वाल्मीकि ने न केवल रामायण जैसे महान ग्रंथ की रचना की बल्कि समाज को समानता, न्याय और भाईचारे का संदेश भी दिया। उनका जीवन और विचार आज भी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। ऐसे में यह पर्व सिर्फ एक समुदाय का नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि जैसे महात्मा गांधी जयंती या डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती पर राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिया जाता है, वैसे ही महर्षि वाल्मीकि प्रकाश पर्व पर भी राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाना चाहिए।
चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि का योगदान भारतीय संस्कृति और साहित्य में अमिट है। उनकी स्मृति में अवकाश घोषित करना न केवल वाल्मीकि समाज की भावनाओं का सम्मान होगा बल्कि देश में सामाजिक सद्भाव और समरसता को भी मज़बूती देगा।
भीम आर्मी प्रमुख ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार इस मांग पर सकारात्मक रुख अपनाएंगे। उनका कहना है कि यह निर्णय करोड़ों श्रद्धालुओं को सम्मान देने वाला साबित होगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणादायक संदेश होगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चंद्रशेखर आज़ाद की यह पहल न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि इसका सामाजिक और राजनीतिक असर भी पड़ेगा। इससे बहुजन समाज और वाल्मीकि समुदाय में सरकार और सत्ता प्रतिष्ठान के प्रति विश्वास बढ़ाने की दिशा में भी एक नया संदेश जा सकता है।