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Sunday, December 22, 2024

माफिया अनुपम दुबे के गुर्गों की हिमाकत: सरकार की बदनामी की साजिश, पुलिस मौन

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यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। माफिया अनुपम दुबे के गुर्गे विमलेश दुबे, अनूप राठौर और रच्छू एक बार फिर सुर्खियों में हैं। सूत्रों के अनुसार, ये गुर्गे माफिया अनुपम दुबे के इशारों पर सरकार की छवि धूमिल करने की साजिश रच रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि यह गिरोह गुंडई पर उतर आया है और पुलिस मामले को दबाने में जुटी हुई है, जिससे जनता में असुरक्षा और भय का माहौल बन रहा है।
इस गिरोह की धृष्टता यहीं तक सीमित नहीं है। जानकारी मिली है कि विमलेश दुबे और रच्छू ने माफिया अनुपम दुबे के लिए पूर्व में मर्सडीज कार खरीदवाई थी। आज भी ये लोग माफिया की फंडिंग करते हैं, जिससे उनकी गतिविधियां बेरोकटोक जारी रहती हैं। सूत्रों का कहना है कि विमलेश और रच्छू ने माफिया को कई बार आर्थिक सहायता प्रदान की है, जिससे उसका नेटवर्क और मजबूत हुआ है।
गुर्गों ने इस बार भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष एमएलसी प्रांशु दत्त द्विवेदी का नाम भी लिया है, यह दावा करते हुए कि उन्हें उनके संरक्षण में कार्य करने की छूट मिली है। राजनीतिक संरक्षण की आड़ में इन गुंडों की हिमाकतें लगातार बढ़ रही हैं, और प्रशासन अब तक इन पर कोई ठोस कार्रवाई करने में असफल रहा है।हालांकि एमएलसी द्रिवेदी ने इन्हे पहचानने से भी इंकार किया है।
पुलिस की संदिग्ध भूमिका
जहां एक ओर स्थानीय लोगों में डर और आक्रोश है, वहीं पुलिस मामले को दबाने में जुटी दिख रही है। आरोप है कि पुलिस को इन गुंडों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन वे इस मुद्दे को नजरअंदाज कर रही है। माफिया अनुपम दुबे का यह नेटवर्क सिर्फ अपराध तक सीमित नहीं है, बल्कि वह स्थानीय प्रशासन और पुलिस को भी प्रभावित करने की कोशिश करता रहा है।
हाल ही में हुए अपराधों और गुंडई की घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है। फर्रुखाबाद जिले में माफिया और उसके गुर्गों द्वारा 2024 की पहली तिमाही में दर्ज की गई घटनाओं में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, पुलिस ने इन मामलों में बहुत कम ही गिरफ्तारी की है, और ज्यादातर मामलों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
जनता की मांग
फर्रुखाबाद के नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि माफिया अनुपम दुबे और उसके गुर्गों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि जब तक इन अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक शहर में शांति और सुरक्षा स्थापित नहीं हो पाएगी। सरकार की छवि को धूमिल करने की इस साजिश को लेकर उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है ताकि माफिया नेटवर्क और उसके राजनीतिक संबंधों का पर्दाफाश हो सके।

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