यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। माफिया अनुपम दुबे के साथी के तौर पर काम कर रहे नॉन प्रैक्टिशनर वकील अवधेश मिश्रा का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है। पुलिस जांच में पहले ही यह सामने आ चुका था कि अवधेश मिश्रा माफिया अनुपम दुबे का करीबी सहयोगी है। 2023 में मुख्यमंत्री को की गई एक शिकायत पर हुई जांच में सीओ सिटी ने उपनिरीक्षक की आख्या के आधार पर अपनी रिपोर्ट दी थी, जिसमें अवधेश मिश्रा की भूमिका साफ उजागर हुई थी।
अनुपम दुबे के जेल जाने के बाद से ही अवधेश मिश्रा उसके गैंग का संचालन कर रहा है, लेकिन पुलिस की ओर से उसके खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। बताया जा रहा है कि मोटी रकम लेकर पुलिस ने उस जांच को दबा दिया, जिससे अवधेश मिश्रा पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका। हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय ने अब तक उस शिकायत पर संतुष्टि नहीं जताई है और पुलिस को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
अभी तक के हालातों से साफ जाहिर है कि माफिया गैंग पर पुलिस की मेहरबानी जारी है और प्रदेश में लागू जीरो टॉलरेंस की नीति का खुला मजाक बन रहा है। अवधेश मिश्रा के गुर्गे, जिनमें रच्छू ठाकुर, चीनू ठाकुर, अमित अमन, मनकू मिश्रा समेत कई अन्य नाम शामिल हैं, अपनी दबंगई से इलाके में खौफ पैदा किए हुए हैं।
अब इस मामले में शासन ने भी संज्ञान ले लिया है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। लोगों का कहना है कि जब तक माफिया के इन सहयोगियों पर नकेल नहीं कसी जाएगी, तब तक इलाके में कानून व्यवस्था बहाल होना मुश्किल है। मुख्यमंत्री की सख्ती और जनता की उम्मीदें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के बावजूद इस मामले में पुलिस की निष्क्रियता से जनता में गहरा आक्रोश है। अब सबकी निगाहें शासन के अगले कदम पर टिकी हैं, जो इस मामले में निर्णायक साबित हो सकता है।