दलितों की जमीन हड़पने का आरोप – गंगा में फेंकने की धमकी तक
फर्रुखाबाद: योगी राज (Yogi Raj) में माफियाओं की कमर टूटने के दावे ज़ोर-शोर से किए जा रहे हैं, लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। थाना मऊदरवाजा क्षेत्र के ढिंलाबल गांव में दबंग (Dabangg) विक्रांत उर्फ राना सरकार (Vikrant- Rana Sarkar) का खौफ़ इतना है कि दलित परिवार अपनी ही ज़मीन पर खड़ा होने से डर रहा है। गांव निवासी अन्नू पुत्र जयराम और शिवराम पुत्र स्व. जयराम की पट्टे की ज़मीन (गाटा संख्या 916/03) पर राना सरकार ने जबरन कब्ज़ा कर लिया। इतना ही नहीं, उसने सरकारी भूमि पर भी अपना अवैध साम्राज्य खड़ा कर रखा है।
पीड़ितों ने जब ज़मीन खाली करने को कहा तो राना सरकार ने दबंगई दिखाते हुए साफ़ चेतावनी दी – “तुम हमारे कागज़ों पर हस्ताक्षर कर चुके हो, अब यह ज़मीन हमारी है। ज़्यादा बोलोगे तो जान से मारकर गंगा में फेंक देंगे!”
राना सरकार पर सिर्फ़ ज़मीन कब्ज़ाने का ही आरोप नहीं है, बल्कि पूरे इलाके में उसका दबदबा माफिया की तरह माना जाता है। मौरंग, बालू और गिट्टी की डंपर सप्लाई वह धड़ल्ले से अवैध रूप से करता है। बिना रॉयल्टी के खनन कराना, ओवरलोड वाहन चलाना और कई जिलों तक अपनी ‘सेटिंग’ के दम पर कानून को ठेंगा दिखाना – यही उसका कारोबार है।
ग्रामीणों का कहना है कि राना सरकार की दबंगई के चलते कोई भी उसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की हिम्मत नहीं करता। उनका आरोप है कि “योगी सरकार में माफिया राज ख़त्म होने के दावे खोखले नज़र आते हैं। प्रशासन दबंगई के सामने पूरी तरह बेबस है।”