फर्रुखाबाद। बुधवार को समाजसेवी भइयन मिश्रा के नेतृत्व में अधिवक्ताओं का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल सिटी मजिस्ट्रेट संजय बंसल से मिला और उन्हें केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के नाम संबोधित एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि फतेहगढ़ रेलवे स्टेशन पर लंबे समय से लंबी दूरी की ट्रेनों के ठहराव की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जबकि यह क्षेत्र सैन्य और प्रशासनिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
प्रतिनिधियों ने बताया कि फतेहगढ़ रेलवे स्टेशन से महज छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन पर सभी प्रमुख लंबी दूरी की ट्रेनें रुकती हैं, जबकि फतेहगढ़ को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। इससे न केवल आम यात्रियों को भारी असुविधा होती है, बल्कि यहां तैनात विभिन्न रेजिमेंटों के जवानों और अधिकारियों को भी आवागमन में परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि फतेहगढ़ क्षेत्र में जाट, सिख और राजपूत रेजिमेंट का मुख्यालय है, जहां प्रतिदिन हजारों जवानों और अधिकारियों की आवाजाही रहती है। ऐसे में लंबी दूरी की ट्रेनों का ठहराव इस क्षेत्र के लिए अनिवार्य है।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी उल्लेख किया कि जिले के शीर्ष प्रशासनिक कार्यालय—जिलाधिकारी (डीएम) कार्यालय, पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय, फतेहगढ़ कचहरी तथा अन्य महत्वपूर्ण दफ्तर भी इसी क्षेत्र में स्थित हैं। इन कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों, अधिवक्ताओं, कर्मचारियों और आम जनता का बड़ा हिस्सा रेल यात्रा पर निर्भर है, ऐसे में फतेहगढ़ को ठहराव की सुविधा से वंचित रखना अनुचित है।
ज्ञापन में जिले के बच्चों और युवाओं के लिए खेलकूद की सुविधाओं को बेहतर बनाने की मांग भी जोड़ी गई। अधिवक्ता समाज ने बताया कि फतेहगढ़ और फर्रुखाबाद क्षेत्र में पटेल पार्क ही एकमात्र बड़ा मैदान है, लेकिन वहां गंदगी, अतिक्रमण और रखरखाव की कमी की वजह से बच्चे और खिलाड़ी सुरक्षित रूप से अभ्यास नहीं कर पाते। उन्होंने मांग की कि पार्क से अतिक्रमण हटाकर साफ-सफाई और नियमित देखरेख की व्यवस्था की जाए तथा आवश्यकता होने पर नए खेल मैदान विकसित किए जाएं, ताकि क्षेत्र के युवाओं को बेहतर खेल सुविधाएं मिल सकें।
इस अवसर पर लक्ष्मण सिंह, समाजसेवी भइयन मिश्रा, कोमल पांडे, नीतीश कुमार, आलोक शरण, मुकेश सक्सेना, राकेश कुमार, आयुष सक्सेना, श्याम मोहन शुक्ला सहित कई अन्य अधिवक्ता और गणमान्य लोग मौजूद रहे। प्रतिनिधिमंडल ने उम्मीद जताई कि सरकार उनकी मांगों पर जल्द सकारात्मक निर्णय लेगी।






