लखनऊ|राजधानी लखनऊ में पुलिस और भाजपा नेताओं के बीच टकराव का मामला सामने आया है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री जीशान खान के साथ पुलिस द्वारा अभद्रता और गैरकानूनी तरीके से रातभर थाने में बैठाए रखने का मामला उजागर हुआ है। शिकायत के बाद कार्रवाई करते हुए डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने सतखंडा चौकी प्रभारी मनोज मलिक को तत्काल हटा दिया है। मामले की जांच एसीपी चौक राजकुमार सिंह को सौंपी गई है।
सूत्रों के मुताबिक, 29 सितंबर की रात जीशान खान अपनी मां पारो खान की दवा लेकर स्कूटी से घर लौट रहे थे। रास्ते में हुसैनाबाद के पास कुछ परिचितों से मुलाकात हुई, जिनके कहने पर वह थोड़ी देर चाय पीने के लिए रुक गए।
इसी दौरान सतखंडा चौकी प्रभारी मनोज मलिक पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे और बिना कारण पूछे जीशान खान से अभद्रता करने लगे। विरोध करने पर पुलिसकर्मियों ने गालीगलौज करते हुए स्कूटी की हैंडल पकड़ ली और वाहन को सीज कर दिया।
जीशान खान का आरोप है कि उन्होंने कई बार अपना परिचय भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी के रूप में दिया, और बताया कि वह अपनी मां की दवा लेकर लौट रहे हैं, लेकिन चौकी प्रभारी ने एक न सुनी और उन्हें अपराधियों की तरह रातभर ठाकुरगंज थाने में बैठाए रखा।
रातभर परेशान रहने के बाद जीशान ने वरिष्ठ भाजपा नेताओं से संपर्क किया। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने पुलिस अधिकारियों से बात की, जिसके बाद अगली सुबह उन्हें छोड़ा गया।
इसके बाद जीशान खान ने पुलिस कमिश्नर अमरेन्द्र कुमार सेंगर से शिकायत दर्ज कराई, जिसके निर्देश पर जांच शुरू की गई।
डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि “प्राथमिक जांच में चौकी प्रभारी मनोज मलिक की लापरवाही और अनुशासनहीनता पाई गई है। उन्हें तत्काल हटा दिया गया है। जांच एसीपी चौक को सौंपी गई है। यदि किसी अन्य पुलिसकर्मी की भूमिका सामने आती है तो उसके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
भाजपा कार्यकर्ताओं में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। कई नेताओं ने इसे “पार्टी पदाधिकारियों का अपमान” बताते हुए पुलिस प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।