फर्रुखाबाद: दीपावली के त्योहार के करीब होने के बावजूद जिले का पटाखा बाजार (firecracker market) सुस्त नजर आ रहा है। थोक विक्रेताओं ने पुष्टि की है कि पटाखों की कीमतें पिछले साल की तुलना में 20% अधिक हैं। विक्रेताओं का कहना है कि जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से आलू की पैदावार (Low potato production) पर निर्भर करती है। लेकिन इस बार आलू के दाम कम रहने से किसानों को नुकसान हुआ है, जिससे उनके पास खरीदारी की क्षमता भी प्रभावित हुई है। इसके अतिरिक्त, जिले में आई बाढ़ ने आम लोगों की क्रय शक्ति पर भी प्रतिकूल असर डाला है।
थोक पटाखा विक्रेताओं के अनुसार, पिछले 15 वर्षों में यह पहली बार है जब बाजार में इतनी सुस्ती देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले साल इस समय बड़ी संख्या में दुकानदार पटाखों की खरीदारी करने आते थे, लेकिन इस बार इक्का-दुक्का ग्राहक ही दुकानों पर दिखाई दे रहे हैं।विक्रेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि पटाखों की कीमतों में वृद्धि विनिर्माण स्तर से हुई है, और बाजार में जीएसटी या अन्य करों का कोई नया प्रभाव नहीं पड़ा है।
जिले में कुल 11 लाइसेंसधारी थोक पटाखा विक्रेता हैं। दीपावली में अभी 20 दिन शेष होने के बावजूद, इन दुकानों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। थोक विक्रेताओं का मानना है कि बाढ़ और आलू की कम पैदावार मिलकर इस सुस्ती के मुख्य कारण हैं।