कमालगंज: गणेश महोत्सव के पावन अवसर पर श्री गणेश सेवा समिति द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथा व्यास पंडित बृजेश पाठक (Pandit Brijesh Pathak) ने भगवान श्रीराम (Lord Ram) की सरलता का विस्तारपूर्वक वर्णन किया।पंडित पाठक ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण भी सरल हैं, किंतु भगवान श्रीराम अतिशय सरल हैं। उन्होंने समझाया कि अनुकूल व्यक्तियों के साथ सरल रहना आसान होता है, लेकिन प्रतिकूल परिस्थितियों और विरोधियों के साथ सरलता बनाए रखना अत्यंत कठिन कार्य है। यही विशेषता भगवान राम में है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जब माता कैकई ने श्रीराम को वनवास दिया, तब भी उन्होंने कैकई का पक्ष लिया और उनका आदर किया। इतना ही नहीं, युद्धभूमि में जब रावण घायल होकर गिर पड़ा, तब श्रीराम ने उसे मारने के बजाय लंका के महलों में जाकर विश्राम करने की सलाह दी। इस प्रसंग को सुनकर स्वयं रावण भी श्रीराम की अद्भुत सरलता से अभिभूत हो गया।
पंडित बृजेश पाठक ने कहा कि सरलता का अर्थ है हृदय, वाणी और व्यवहार में समानता होना। लेकिन आज के समय में व्यक्ति की सरलता खोती जा रही है। जीवन में छल-कपट इतना बढ़ गया है कि भगवान को पहचानना सरल लगता है, किंतु व्यक्ति को पहचानना कठिन।उन्होंने स्पष्ट किया कि छल और दोहरे चरित्र से व्यक्ति संसार में कुछ सफलता तो पा सकता है, लेकिन ईश्वर की भक्ति नहीं। क्योंकि भगवान राम स्वयं सरल हैं और वे केवल सरल व्यक्तियों को ही स्वीकार करते हैं।


