यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। डॉ. राम मनोहर लोहिया संयुक्त अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं में सुधार के तमाम दावे अब तक धरातल पर नजर नहीं आ रहे हैं। अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं से मरीजों और उनके परिजनों को निरंतर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
अस्पताल में सफाई व्यवस्था की स्थिति बदतर होती जा रही है। वार्डों में फैली गंदगी और बाथरूम की दुर्दशा मरीजों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गई है। मरीजों को समय पर दवाएं और चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं, जिससे उनकी हालत और गंभीर हो रही है।
इसके अलावा, अस्पताल में स्टाफ की कमी भी बड़ी समस्या बन चुकी है। कई विभागों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की अनुपलब्धता और उपकरणों की खराबी के कारण मरीजों का उपचार समय पर नहीं हो पा रहा है। इसके चलते मरीजों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है, जो उनकी आर्थिक स्थिति पर भारी पड़ता है।
अस्पताल की भोजन व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है। मरीजों और उनके परिजनों ने भोजन की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की है, उनका कहना है कि पोषक तत्वों की कमी और भोजन की खराब गुणवत्ता से मरीजों का स्वास्थ्य और बिगड़ सकता है।
स्थानीय प्रशासन द्वारा कई बार सुधार के निर्देश दिए जाने के बावजूद, अस्पताल प्रशासन की लापरवाही साफ दिखाई देती है। मरीजों और उनके परिजनों में बढ़ती नाराजगी के बीच, अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार की उम्मीदें धूमिल होती जा रही हैं।
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और खराब प्रबंधन के कारण, लोहिया अस्पताल की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं, और मरीजों की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।