फर्रुखाबाद। डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में मरीजों की जांच प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। शनिवार को अस्पताल के ब्लड सैंपल कक्ष में उस समय हंगामा मच गया जब मरीजों से पैसों के लेन-देन और जांच में मनमानी का मामला सामने आया।
सूत्रों के अनुसार, ब्लड सैंपल कक्ष में मनमाने तरीके से लोगों के सैंपल लिए जा रहे थे। बताया गया कि कुछ मरीजों से चोरी-छिपे पैसों की मांग की जा रही थी। जो मरीज पैसा देने को तैयार हो जाता, उसका सैंपल पहले लिया जाता और उसकी रिपोर्ट भी प्राथमिकता पर तैयार की जाती, जबकि अन्य मरीज घंटों लाइन में खड़े रहते।
शनिवार को यह मामला तब उजागर हुआ जब कक्ष में उदय नामक एक युवक बैठा मिला, जो पर्चे चढ़ा रहा था। उस समय कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी लाइन लगी थी। बताया गया कि उदय ने अपनी जेब से तीन पर्चे निकाले और बिना लाइन में लगाए उन्हें पहले नंबर पर चढ़ाने लगा। यह दृश्य देखकर एक महिला मरीज भड़क उठी। उसने जोरदार हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि स्टाफ अपने परिचितों के पर्चे पहले चढ़ा रहा है, जबकि बाकी मरीजों को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है।
महिला के विरोध के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. जगमोहन शर्मा को शिकायत की। सीएमएस मौके पर पहुंचे और स्थिति का निरीक्षण किया। इस दौरान ब्लड बैंक में तैनात शानू भदौरिया और ओपीडी में तैनात डॉ. प्रवीण भी वहां पहुंच गए।
जांच के दौरान जब सीएमएस ने सवाल किया कि बिना किसी अनुमति के उदय वहां कैसे बैठा है, तो ब्लड बैंक कर्मी शानू भदौरिया ने दावा किया कि “उदय को मैंने ही बैठाया है, उसे कोई हटा नहीं सकता।” इस बयान के बाद वहां मौजूद मरीज और परिजन और ज्यादा आक्रोशित हो गए।
मरीजों का आरोप था कि उदय मनमाने तरीके से पर्चे चढ़ा रहा है और पैसे लेकर जांच में प्राथमिकता दे रहा है। उन्होंने कहा कि यह केवल भ्रष्टाचार ही नहीं बल्कि मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ है।
काफी देर चले हंगामे के बाद सीएमएस ने मौके पर शांति बहाल कराई और पूरे मामले की जांच के आदेश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी भी कर्मचारी या डॉक्टर की संलिप्तता पाई गई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल प्रशासन ने कहा कि ब्लड सैंपल कक्ष जैसे संवेदनशील स्थान पर किसी भी प्रकार की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।




