– 19 साल पुराने मामले में आया फैसला, न्यायालय ने सर्वेश को दोषी ठहराया
फर्रुखाबाद। अपर जिला जज एवं सत्र न्यायालय ईसी एक्ट के न्यायाधीश तरुण कुमार सिंह प्रथम ने सोमवार को 19 वर्ष पूर्व छह वर्षीय किशोर के अपहरण, हत्या व साक्ष्य मिटाने के गंभीर मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी सर्वेश पुत्र जौहरी निवासी गढ़िया ढिलावल को दोषी ठहराया। न्यायालय ने दोष सिद्ध होने पर उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही ₹90,000 का आर्थिक जुर्माना भी लगाया।
मामले की शुरुआत 23 अगस्त 2006 को हुई थी, जब मऊदरवाजा थाना क्षेत्र के ग्राम गढ़िया ढिलावल निवासी लालमन शाक्य ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि उसका छह वर्षीय नाती अवधेश उर्फ टोमू पुत्र राजवीर, दोपहर करीब 2:30 बजे खेत पर भेजा गया था, लेकिन वह वहां नहीं पहुंचा। काफी तलाश के बावजूद वह नहीं मिला। अगले दिन सुबह सात बजे गांव के किनारे एक चारे के खेत से दुर्गंध आने पर जब वे मौके पर पहुंचे, तो वहां अवधेश का शव मिला।
घटना के बाद ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने गांव के हकीम, भारत, दीपू, सर्वेश और विनोद को अवधेश के साथ खेत की ओर जाते देखा था। इस आधार पर परिजनों ने आशंका जताई कि इन्हीं लोगों ने हत्या कर शव को खेत में फेंक दिया।
पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। विवेचक ने साक्ष्यों के आधार पर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान सह-आरोपी भारत, विनोद और हकीम की मृत्यु हो गई।
मामले में सरकारी अधिवक्ता कृष्ण कुमार पांडेय की सशक्त पैरवी के आधार पर न्यायालय ने सर्वेश को दोषी पाया और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही ₹90,000 का जुर्माना भी लगाया गया। यह फैसला लंबे समय से न्याय की आस लगाए पीड़ित परिवार के लिए कुछ हद तक राहत देने वाला माना जा रहा है।