– मुख्यमंत्री ने दी है सभी घोलाबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की हिदायत
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के धान खरीद घोटाला मामले में अब लेखपाल, एसडीएम और एडीएम पर भी गाज गिरने की संभावना है। एसआईटी की जांच में लगभग 40 क्रय केन्द्रों पर खरीद में हेराफेरी मिली है। घपलेबाजी की यह तस्वीर हजारों किसानों के खातों की हुई पड़ताल के बाद सामने आयी है। पूर्व में यह प्रकरण सदन में भी गूंजा था जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इससे जुड़े सभी घोटालेबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की हिदायत दी।
दरअसल, प्रादेशिक कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड में धान खरीद घोटाले की जद में जिले ही नहीं प्रदेश मुख्यालय तक आ रहा है। एसआईटी जांच में तमाम सुबूत मिले हैं। छानबीन के दौरान पता चला कि लगभग 40 क्रय केंद्र पर धान खरीद में हेराफेरी हुई है। जांच में हजारों किसानों के खातों की पड़ताल की है। इसमें पता चला कि कई किसानों ने दर्जनों बार धान बेचा है। इस कवायद में इनके खाते एक ही हैं, लेकिन ओटीपी के लिए मोबाइल नंबर बदले गए थे।
फिलहाल वर्ष 2023-24 में बस्ती मंडल में धान खरीद और सीएमआर डिलिवरी में ई अनियमितताओं के मामले में पीसीएफ सिद्धार्थनगर के निलंबित जिला बंधक अमित कुमार चौधरी को बर्खास्त कर दिया गया है। अब पूरे मामले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) को सौंपी गई है। ऐसे में अमित चौधरी से जुड़े अफसर भी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। इसी तरह तत्कालीन एसडीएम, एडीएम और लेखपाल पर भी गाज गिर सकती है, क्योंकि उस वक्त किसान सत्यापन का कार्य में इन अफसरों की भी भूमिका रही है।
मुख्यमंत्री ने दी है सख्त हिदायत:
बीते दिनों गेहूं खरीद शुरु होने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त हिदायत थी कि बिचौलियों खासकर ठेकेदारों या प्राइवेट लोगों पर सख्त नजर रखी जाए।
दरअसल, इससे पूर्व शासन के संज्ञान में आया था कि धान खरीद घोटाला प्रकरण में पीसीएफ के अधिकारियों के साथ ही क्रय केंद्र प्रभारियों और ढुलाई में लगे ठेकेदारों की भी मिलीभगत रही। बिना धान खरीदे ही ढुलाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए गए है। इनमें से दोषी पाये गए कई ठेकेदारों को जेल तक हो चुकी है।