30.2 C
Lucknow
Sunday, August 24, 2025

संविधान की मूल भावना को जीवित रखने का सबसे बड़ा साधन है विधि शिक्षा : डॉ. राजपाल

Must read

कमालगंज: मेजर एसडी सिंह विश्वविद्यालय के विधि संकाय में आयोजित इंडक्शन कार्यक्रम में डीन डॉ. राजपाल सिंह ने नये विद्यार्थियों को विधि शिक्षा (Legal education) का असली महत्व समझाते हुए कहा कि कानून की पढ़ाई सिर्फ डिग्री लेने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारे संविधान (constitution) की आत्मा और मूल्यों की रक्षा करने का सबसे मजबूत साधन है। मूट कोर्ट में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में डॉ. राजपाल (Dr. Rajpal) ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि विधि की पढ़ाई से निकलने वाला हर छात्र केवल वकील नहीं होता, बल्कि वह समाज में न्याय, समानता और संवैधानिक अधिकारों का प्रहरी बनकर खड़ा होता है।

उन्होंने कहा कि संविधान हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समानता का अधिकार और न्याय दिलाने का अवसर देता है, लेकिन इन मूल्यों की रक्षा की जिम्मेदारी विधि विद्यार्थियों पर भी है।डॉ. राजपाल ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि एक अच्छे विधि-छात्र को सदैव अध्ययनशील, तार्किक और नैतिक होना चाहिए। न्यायालय में वकालत केवल तर्क प्रस्तुत करने की कला नहीं है, बल्कि न्याय दिलाने का दायित्व है। मूट कोर्ट, बहस प्रतियोगिताएं और शैक्षणिक गतिविधियां विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण और उन्हें संविधान के आदर्शों पर चलने के लिए तैयार करती हैं।

इस कार्यक्रम में डॉ. विनय कटियार, डॉ. अजीत कुमार, मूलचंद्र भारती, अंशिका यादव, ज्योति सिंह, सिद्धार्थ कुमार, श्रीराम चंद्र, डॉ. गीता सिंह सेंगर, सुमन यादव और गेस्ट फैकल्टी डॉ. रेनू राजपूत भी मौजूद रहे। विद्यार्थियों ने भी माना कि डॉ. राजपाल के विचारों से उन्हें न केवल विधि शिक्षा का महत्व समझ आया, बल्कि संविधान की ताकत और उसकी रक्षा में अपनी जिम्मेदारी का भी एहसास हुआ।

Must read

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article