निबंधन मित्र योजना पर मिला लिखित आश्वासन, शुक्रवार से होंगी रजिस्ट्री
फर्रुखाबाद। निबंधन मित्रों की नियुक्ति के विरोध में बीते दस दिनों से तहसील सदर में चल रही अधिवक्ताओं व बैनामा लेखकों (कातिबों) की हड़ताल आखिरकार सांसद मुकेश राजपूत की पहल पर गुरुवार शाम समाप्त हो गई। धरना स्थल पर पहुंचे सांसद ने वकीलों को आश्वस्त किया कि सरकार उनका अहित नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार की कोई भी योजना अधिवक्ताओं की आजीविका को प्रभावित नहीं करेगी। एआईजी (पंजीयन) राजेश कुमार सिंह द्वारा दिए गए लिखित आश्वासन के बाद तहसील बार एसोसिएशन ने शुक्रवार से बैनामा रजिस्ट्री फिर से शुरू करने की घोषणा कर दी।
धरना स्थल पर सांसद ने कहा कि अधिवक्ताओं और कातिबों जैसे जागरूक बुद्धिजीवियों ने इस सरकार को बनाने में अहम भूमिका निभाई है, इसलिए सरकार उनका अहित नहीं कर सकती। उन्होंने स्पष्ट किया कि “निबंधन मित्र” नामक किसी योजना को लागू करने का अभी तक कोई निर्णय सरकार ने नहीं लिया है।
इस मौके पर बार एसोसिएशन ने सांसद को ज्ञापन सौंपकर बताया कि निबंधन मित्रों की नियुक्ति से अधिवक्ताओं, बैनामा लेखकों और उनसे जुड़े लाखों लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने सरकार से योजना को तत्काल निरस्त करने की मांग की। सांसद ने इस मांग को प्रमुखता से शासन तक पहुंचाने का भरोसा दिया।
हड़ताल समाप्ति की घोषणा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अतर सिंह कटियार और सचिव अतुल मिश्रा ने की। उन्होंने कहा कि सांसद के आश्वासन और पंजीयन विभाग के सहायक महानिरीक्षक राजेश कुमार सिंह के लिखित बयान को देखते हुए वकीलों ने आंदोलन को समाप्त करने का निर्णय लिया है। शुक्रवार से सदर तहसील सहित अमृतपुर तहसील में भी बैनामा रजिस्ट्री का कार्य सामान्य रूप से संचालित होगा।
हड़ताल के दौरान विरोध के स्वर में अधिवक्ता अरविंद दिवाकर ने धरना स्थल पर सिर मुंडवा कर अपना विरोध दर्ज कराया। अधिवक्ताओं के इस संघर्ष को व्यापक समर्थन मिला।
धरना स्थल पर उपस्थित प्रमुख अधिवक्ताओं में संयुक्त सचिव विकास सक्सेना, पूर्व उपाध्यक्ष ओमप्रकाश दुबे ओमू, दयाशंकर तिवारी, अनुराग तिवारी, पंकज राजपूत, विपिन यादव, आशीष राजपूत, अंशुमान सिंह, राकेश कुमार सक्सेना, ऋषि श्रीवास्तव, स्वदेश दुबे, बैनामा लेखक संघ अध्यक्ष विनोद कुमार सक्सेना, महामंत्री मनोज त्रिवेदी, विशुनदयाल राजपूत, घनश्याम सक्सेना, संजीव भारद्वाज, अरुण कुमार सक्सेना, प्रदीप कुमार सक्सेना, स्टाम्प वेंडर ललित तांबा, सौरभ सक्सेना, अरुणेश सक्सेना, राजीव सक्सेना, राजीव सैनी, श्रीमती इन्द्रा अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता शामिल रहे।