– सचिव समेत अधिवक्ता पर फर्जी मुकदमा दर्ज करने से भड़के वकील, पुलिस पर गंभीर आरोप
फर्रुखाबाद। जिले की कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर पुलिस कटघरे में खड़ी हो गई है। कोतवाली फतेहगढ़ क्षेत्र मे पुलिसकर्मियों द्वारा बार एसोसिएशन फर्रुखाबाद के वकील देवेंद्र सिंह यादव व सचिव कुंवर सिंह यादव के मामले में उनके विरुद्ध संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किए जाने से अधिवक्ताओं में जबरदस्त आक्रोश फैल गया है। इस घटनाक्रम को लेकर बार एसोसिएशन ने आपात आम सभा की बैठक बुलाकर बड़ा निर्णय लिया है।
आरोप है कि बीती 2 जून 2025 को अधिवक्ताओं के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, और उसके बाद कोतवाली फतेहगढ़ में मुकदमा दर्ज कर दिया गया।
बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह कार्यवाही निहायत ही दुर्भावनापूर्ण है और इससे साफ प्रतीत होता है कि पुलिस अपनी सत्ता का दुरुपयोग कर अधिवक्ताओं को भयभीत करने का प्रयास कर रही है।
इस प्रकरण से क्षुब्ध होकर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शशिभूषण दीक्षित की अध्यक्षता में एक आपात बैठक आयोजित की गई, जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अधिवक्ता 4 जून 2025 से 5 जून 2025 तक न्यायिक कार्य से पूर्ण रूप से विरत रहेंगे। यह बहिष्कार पुलिस की तानाशाही, अभद्रता एवं फर्जी मुकदमे के विरोध में एक सशक्त कदम है।
सचिव कुंवर सिंह यादव और वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय सिंह शाक्य द्वारा जारी किए गए संयुक्त पत्र में इस निर्णय की जानकारी दी गई है। पत्र में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं और मांग की गई है कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो तथा दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए।
बार एसोसिएशन से जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कहा है कि यह पहली बार नहीं है जब पुलिस द्वारा वकीलों को प्रताड़ित किया गया हो। बीते कुछ समय से पुलिस अधिवक्ताओं को निशाना बना रही है, जो न्याय के मंदिर में अहम भूमिका निभाते हैं। यदि अधिवक्ताओं को ही भय और फर्जी मुकदमों में उलझाकर दबाया जाएगा, तो आम जनता को न्याय कैसे मिलेगा?
प्रशासन की चुप्पी पर भी उठे सवाल
वकीलों ने जिला प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब अधिवक्ताओं को ही न्याय नहीं मिलेगा, तो फिर आमजन को न्याय दिलाने की उम्मीद कैसे की जा सकती है? प्रशासन को तत्काल हस्तक्षेप कर निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।
संघर्ष आगे भी रहेगा जारी
बार एसोसिएशन ने यह स्पष्ट किया है कि यदि पुलिस की मनमानी और प्रताड़ना बंद नहीं हुई तो संघर्ष को और व्यापक रूप दिया जाएगा। आगामी रणनीति के लिए एक विशेष अधिवेशन जल्द ही बुलाया जाएगा।