खुलेआम चल रही खाद्य सामग्री की बिक्री, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
फर्रुखाबाद। शहर के लाल गेट क्षेत्र स्थित रोडवेज बस स्टैंड के सामने बने पेट्रोल पंप पर इन दिनों सुरक्षा मानकों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। पेट्रोल और डीजल जैसे ज्वलनशील पदार्थों से भरे संवेदनशील क्षेत्र में चूल्हा और गैस सिलेंडर जलाकर छोले-भटूरे, पूरी-कचौरी जैसी गरमागरम खाद्य सामग्री तली और बेची जा रही है। यह नजारा किसी भी क्षण बड़े हादसे को न्योता देने वाला है।
पेट्रोल पंप परिसर के समीप आग जलाकर तली जा रही सामग्री को देखकर लोग हैरान हैं। ज़रा सी चिंगारी या असावधानी यहां भयावह विस्फोट का कारण बन सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे क्षेत्र में सिलेंडर और आग का प्रयोग “मौत का आमंत्रण” है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सिर्फ पेट्रोल पंप नहीं, बल्कि ‘आंख की भर्तियों’ का केंद्र बन चुका है—जहां अधिकारी और प्रशासन नियमों को देख कर भी अनदेखा कर रहे हैं। सवाल यह उठ रहा है कि जब मुख्य शहर में, सैकड़ों लोगों की रोज़ आवाजाही वाले इलाके में ऐसा जोखिम भरा काम हो रहा है तो प्रशासन और अग्निशमन विभाग क्यों मौन हैं? क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है?
भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय और अग्निशमन विभाग के तय मानकों के अनुसार, पेट्रोल पंप क्षेत्र में खाना पकाना,
गैस सिलेंडर जलाना,
धूम्रपान करना
पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके बावजूद लाल गेट रोडवेज क्षेत्र में ये गतिविधियाँ खुलेआम जारी हैं।
जब इस विषय पर कुछ स्थानीय दुकानदारों से बात की गई तो उन्होंने कहा—“हमें भी रोज़गार चलाना है।” लेकिन सवाल यह है कि क्या रोज़गार के नाम पर दर्जनों लोगों की जान खतरे में डाली जा सकती है?
राहगीरों और स्थानीय नागरिकों ने इसे लेकर नाराज़गी जताई और कहा कि यदि समय रहते प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो कोई भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है। लोगों ने जिला प्रशासन और अग्निशमन विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।