– अपना दल (एस) के युवा नेता की मांग
– विशेष वर्ग का वर्चस्व बना अन्य समाजों के लिए अत्याचार का कारण
बिल्हौर/मिश्रित/फर्रुखाबाद। अपना दल (एस) के युवा नेता सौरभ भानु कटियार ने एक अहम और सामाजिक संतुलन से जुड़ी मांग उठाई है। उन्होंने कहा है कि बिल्हौर विधानसभा सीट या मिश्रित लोकसभा सीट – इन दोनों में से कम से कम एक को सामान्य ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित किया जाए, जिससे कुर्मी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को भी राजनीतिक न्याय और संरक्षण मिल सके।
सौरभ कटियार ने बताया कि दोनों सीटों पर एक ही विशेष वर्ग का वर्चस्व है, जिसके चलते राजनीतिक संरक्षण में अन्य समाजों पर शोषण और अत्याचार जैसी घटनाएं सामने आती रही हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्व प्रधान अशोक कटियार के साथ हुई घटना ने यह साफ कर दिया कि जब मामला उजागर होता है तो लोगों को न्याय मिल पाता है, लेकिन कई पीड़ित डर, दबाव और भय के चलते सामने नहीं आ पाते।
सौरभ कटियार ने कहा,
“यह सिर्फ एक घटना नहीं है, बल्कि यह संकेत है उन सैकड़ों-हजारों घटनाओं का जो आज भी पर्दे के पीछे घट रही हैं। हम क्यों न ऐसी व्यवस्था करें कि राजनीतिक भागीदारी में सभी वर्गों को बराबरी का मौका मिले?”
उन्होंने यह भी कहा कि संगठन, मीडिया और सामाजिक कार्यकर्ताओं की सक्रियता के चलते ही अशोक कटियार जैसे लोगों को न्याय मिल पा रहा है, लेकिन बहुत से लोग अब भी चुपचाप प्रताड़ना झेल रहे हैं।
सौरभ कटियार की स्पष्ट मांग है –
“या तो बिल्हौर विधानसभा या मिश्रित लोकसभा सीट को सामान्य ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित किया जाए”, ताकि दबे-कुचले समाज को भी अपनी आवाज बुलंद करने का मौका मिल सके।
यह मांग अब धीरे-धीरे कुर्मी समाज और अन्य पिछड़े वर्गों के बीच जनांदोलन का रूप ले सकती है। यदि प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व इस पर गंभीरता से विचार नहीं करता, तो यह आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है।