– जवाहर सिंह गंगवार क घर गिरवाने और सार्वजनिक रूप से उन्हें गाली गलौच से लोग गुस्सा
– सपा छात्र सभा के नेता हर्ष गंगवार ने सपा सुप्रीमो को लिखा पत्र
फर्रुखाबाद। हाल ही में एक सार्वजनिक मंच से भगवान के नाम पर की गई टिप्पणी को मुद्दा बना कर सफाई देने के बाद भी वरिष्ठ अधिवक्ता और फतेहगढ़ बार के पूर्व अध्यक्ष जवाहर सिंह गंगवार पर सोशल मीडिया पर गली गलौच करने और उनका घर गिरवाने की बात कर रहे,और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग के अपमानजनक जिक्र कर रहे उसको लेकर कुर्मी समाज में फ़र्रूख़ाबाद से लेकर कानपुर तक और बरेली पीलीभीत तक बड़ी बेल्ट में भारी रोष व्याप्त है। समाज के वरिष्ठ सदस्यों और युवाओं ने एकजुट होकर इस आपत्तिजनक भाषा की कड़ी निंदा की है और इसे सुनियोजित तरीके से कुर्मी समाज और पीडीए को अपमानित करने का प्रयास बताया है।
देवकी नंदन गंगवार, हर्ष गंगवार, अनूप कटियार, अंशु कनौजिया, निशांत कटियार और भानु कटियार सहित समाज के कई जागरूक नेताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “आज जो लोग भगवा चोला पहनकर सत्ता का सुख भोग रहे हैं, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि फर्रुखाबाद की सभी सीटों पर भाजपा का परचम लहराने में कुर्मी समाज की अहम भूमिका रही है। समाज के बल पर कुर्सियों पर बैठे लोग आज उसी समाज के वरिष्ठ जनों का अपमान कर रहे हैं, जो शर्मनाक है।”
इन नेताओं ने यह भी कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक समाज में विरोध और असहमति का अधिकार सबको है, लेकिन धार्मिक प्रतीकों के माध्यम से मुद्दा बना कर गाली-गलौज और अपमान स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसी घटनाएं दोहराई जाती हैं तो कुर्मी समाज मजबूर होकर सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगा।
समाज के लोगों ने समाजवादी पार्टी नेतृत्व से भी यह मांग की है कि पार्टी में रहकर जो नेता पीडीए विरोधी बातें कर रहे हैं, उनके खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। “सपा की रीति-नीति सामाजिक न्याय और समानता की रही है, ऐसे में पीडीए विरोधी मानसिकता रखने वाले नेताओं के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं होनी चाहिए,” वक्ताओं ने कहा। आने वाले दिनों में एकजुटता और आंदोलन दोनों की तैयारी समाज ने शुरू कर दी है।