अमरावती| आंध्र प्रदेश में माओवादी विरोधी अभियान लगातार तेज़ हो रहा है। कुख्यात माओवादी सरगना माड़वी हिड़मा के मारे जाने के एक दिन बाद ही राज्य के मारेदुमिल्ली इलाके में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में सात माओवादी ढेर कर दिए गए। आंध्र प्रदेश खुफिया विभाग के एडीजी महेश चंद्र लड्ढा ने बताया कि मारे गए माओवादियों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं तथा सभी की पहचान की जा रही है।
पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में मेतुरी जोखा राव उर्फ टेक शंकर भी शामिल है। वह श्रीकाकुलम का रहने वाला था और आंध्र–ओडिशा बॉर्डर पर संगठन की जिम्मेदारी देखता था। शंकर तकनीकी मामलों, हथियारों और संचार प्रणाली का विशेषज्ञ माना जाता था तथा पिछले 20 वर्षों से माओवादी आंदोलन से जुड़ा था। अधिकारियों का कहना है कि शंकर दक्षिण भारत में माओवादी नेटवर्क को फिर सक्रिय करने की कोशिश में था।
इसी अभियान के तहत पुलिस ने राज्य के कृष्णा, एलुरु, एनटीआर विजयवाड़ा, काकिनाड़ा और डॉ. बीआर आंबेडकर कोणासीमा जिले में कार्रवाई करते हुए करीब 50 भाकपा (माओवादी) कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया है। इनमें वरिष्ठ माओवादी, संचार विशेषज्ञ, सशस्त्र प्लाटून सदस्य और संगठन के महत्वपूर्ण कार्यकर्ता शामिल हैं। ये सभी लोग सीधे माड़वी हिड़मा से जुड़े हुए थे और दक्षिण बस्तर–दंडकारण्य नेटवर्क का अहम हिस्सा थे, जिन पर अब बड़ा प्रहार हुआ है।
एक दिन पहले छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश सीमा पर हुई मुठभेड़ में एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली हिड़मा, उसकी पत्नी रजक्का समेत छह नक्सली मारे गए थे। मौके से हथियार, दो एके-47 राइफलें और बड़ा सामान बरामद हुआ। हिड़मा छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का रहने वाला था और मात्र 16 साल की उम्र में हथियार उठाकर कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड बन गया था। वह नक्सलियों की सबसे खतरनाक सैन्य टुकड़ी बटालियन नंबर 1 का कमांडर था।
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि लगातार हो रही इन बड़ी कार्रवाइयों से माओवादी नेटवर्क को गहरा झटका लगा है और आने वाले दिनों में संगठन की गतिविधियां और कमजोर होंगी।





