लखनऊ: प्रदेश में स्थानीय उद्यमिता, परंपरागत कला और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खादी महोत्सव 2025 (Khadi Mahotsav) का आयोजन 21 नवंबर से 30 नवंबर तक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (Central Sanskrit University) गोमतीनगर, लखनऊ में किया जा रहा है। यह 10 दिवसीय भव्य आयोजन खादी, ग्रामोद्योग और हस्तशिल्प की समृद्ध विरासत को एक ही मंच पर प्रदर्शित करेगा।
आयोजन से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं स्थल का निरीक्षण कर तैयारियों का विस्तृत जायज़ा लिया। उन्होंने अधिकारियों को सभी व्यवस्थाएँ समय से व उत्कृष्ट स्तर पर पूर्ण करने के निर्देश दिए और कहा कि खादी महोत्सव प्रदेश के कारीगरों और उद्यमियों के लिए महत्वपूर्ण अवसर है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहनी चाहिए।
महोत्सव का उद्घाटन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग तथा हथकरघा विभाग के मंत्री राकेश सचान द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 160 से अधिक उद्यमी अपने उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री करेंगे।
प्रदर्शनी में उपलब्ध होंगे
सहारनपुर का नक्काशीदार फर्नीचर,
भदोही की मशहूर कालीन,
अमरोहा के गमछे और सदरी,
सीतापुर की दरी व तौलिये,
वाराणसी की रेशमी साड़ियां,
प्रतापगढ़ के आंवला उत्पाद,
लखनऊ की रॉयल हनी व माटी कला, लेदर प्रोडक्ट, बीकानेरी पापड़, पारंपरिक जैकेट और अन्य स्वदेशी वस्तुएं शामिल हैं। महोत्सव के दौरान चयनित उद्यमियों और लाभार्थियों को सम्मानित किया जाएगा तथा
दोना मेकिंग मशीन
पॉपकॉर्न मशीन
हनी बॉक्स
विद्युत चालित चाक
और पगमिल मशीन का वितरण किया जाएगा, जिससे ग्रामीण उद्योगों को आधुनिक संसाधन मिल सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप यह महोत्सव स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और ग्रामोद्योग इकाइयों को बड़ा प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा। यह आयोजन
स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा
कारीगरों को सम्मान
उद्यमियों को नए अवसर
और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा।
खादी महोत्सव 2025 से उम्मीद है कि यह प्रदेश की पारंपरिक कला, कपड़ा उद्योग और स्थानीय उद्यमिता को नई ऊंचाइयां देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


