– केंद्रीय नेतृत्व ने दी हरी झंडी, 13 से 17 जुलाई के बीच हो सकता है औपचारिक ऐलान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर बड़ा बदलाव दस्तक देने को तैयार है। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जल्द ही अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। उनकी अगली भूमिका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उत्तर प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष के रूप में तय मानी जा रही है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस पर गंभीर मंथन के बाद लगभग अंतिम मुहर लगा दी है।
सूत्रों के मुताबिक, बीते दिनों दिल्ली में भाजपा के कई शीर्ष नेताओं, जिनमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष शामिल हैं, ने केशव प्रसाद मौर्य से बैठक की थी।इस मुलाकात में पार्टी के आगामी राजनीतिक एजेंडे, जातीय समीकरण, और संगठनात्मक पुनर्गठन को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के बाद केशव मौर्य ने प्रदेश अध्यक्ष पद संभालने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है।
तीन नामों की हुई थी चर्चा, केशव मौर्य सबसे भारी।
भाजपा ने उत्तर प्रदेश में ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) वोट बैंक को साधने के लिए तीन जातीय समूहों पर फोकस किया गया, मौर्य बिरादरी – केशव प्रसाद मौर्य कुर्मी बिरादरी –स्वतंत्र देव सिंह, संभावित नाम: ब्राह्मण बिरादरी मे उपेंद्र तिवारी, अजय मिश्रा टेनी गुट से कोई नेता सैनी बिरादरी – संभावित नाम: संजय सिंह सैनी या डॉ. अजय सैनी
तीनों विकल्पों में केशव मौर्य का राजनीतिक अनुभव, संघर्षशील छवि और ओबीसी में उनकी मजबूत पकड़ सबसे ज्यादा प्रभावशाली मानी गई। केशव मौर्य क्यों हैं भाजपा की पहली पसंद?
2014 और 2017 में केशव मौर्य भाजपा के पिछड़ा वर्ग चेहरा बनकर उभरे,2017 में बतौर प्रदेश अध्यक्ष बड़ी जीत दिलाने में निभाई थी अहम भूमिका।योगी सरकार में दो बार उपमुख्यमंत्री रहे, प्रशासनिक अनुभव भी है।ओबीसी वोट बैंक (खासकर गैर-यादव पिछड़ा वर्ग) में उनकी पकड़ आज भी बनी हुई है।
केंद्रीय नेतृत्व 13 से 17 जुलाई के बीच में कर सकता है औपचारिक घोषणा।
संभावना जताई जा रही है कि केशव मौर्य उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर संगठन का पदभार संभालेंगे।
यह फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा से पहले लिया जा सकता है।
भाजपा आगामी 2027 विधानसभा चुनाव और 2029 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए, संगठन और सत्ता में संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है।
योगी सरकार में सत्ता का चेहरा CM योगी, तो भाजपा संगठन में सामाजिक समरसता का चेहरा होंगे केशव मौर्य।इस खबर के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने इसे “भाजपा का सामाजिक समीकरणों को साधने का प्रयास” बताया है, वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह है कि एक संघर्षशील नेता को फिर से संगठन की कमान सौंपी जा रही है।
केशव प्रसाद मौर्य को भाजपा फिर से संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देकर 2027 में ओबीसी वोट बैंक को साधने की रणनीति बना चुकी है। उनका प्रदेश अध्यक्ष बनना अब सिर्फ औपचारिकता भर है।