यूथ इण्डिया-प्रशांत कटियार
फर्रूखाबाद। ब्लॉक कमालगंज में स्थित प्रमुख सडक़ें, जहानगंज कमालगंज रोड, कमालगंज दरियागंज रोड, और रजीपुर छिबरामऊ मार्ग, इन दिनों अपनी खस्ताहाल स्थिति को लेकर सुर्खियों में हैं। इन सडक़ों का हाल ऐसा हो चुका है कि यहां से गुजरने वाले लोग जिम्मेदार अधिकारियों और नेताओं को कोसने से नहीं चूकते।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सरकार के गड्डा मुक्त अभियान का क्या हुआ और क्यों जनप्रतिनिधि इस गंभीर मुद्दे पर आंखें मूंदे बैठे हैं।जहानगंज कमालगंज रोड यह रोड जहां एक ओर गाँवों और कस्बों को जोडऩे वाली मुख्य सडक़ है, वहीं दूसरी ओर इसकी खस्ता हालत ने यहां के निवासियों और यात्रा करने वालों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। सडक़ पर गहरे गड्ढे, टूटी-फूटी सडक़ें, और धूल-मिट्टी से भरे रास्ते लोग परेशान हैं। कमालगंज दरियागंज रोड यह सडक़ भी अपनी जर्जर हालत के लिए मशहूर है। दिन प्रतिदिन यहां स्थितियां बिगड़ती जा रही हैं, जहां अब सडक़ पर चलना भी खतरे से खाली नहीं है। लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। रजीपुर छिबरामऊ मार्ग रजीपुर से लेकर छिबरामऊ तक का मार्ग भी सडक़ दुर्घटनाओं के लिए जाना जा रहा है। बारिश में और भी स्थिति खराब हो जाती है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।उत्तर प्रदेश सरकार ने गड्डा मुक्त अभियान के तहत पूरे राज्य में सडक़ों को गड्ढा मुक्त करने का वादा किया था, लेकिन इन प्रमुख सडक़ों की हालत देखकर यह सवाल उठता है कि क्या वाकई में सरकार ने इस अभियान को गंभीरता से लिया है? सरकार के द्वारा की गई घोषणाओं और योजनाओं का जमीन पर कोई असर दिखता नजर नहीं आता।
यह साफ है कि सरकार की नीतियां और योजनाएं धरातल पर विफल होती दिख रही हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि इन सडक़ों की जर्जर हालत को लेकर बार-बार अधिकारियों से शिकायतें की गई हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। लोग कहते हैं, “हम बार-बार प्रशासन को सूचित करते हैं, लेकिन जब तक कोई बड़ी घटना नहीं हो जाती, तब तक जिम्मेदार अधिकारी सोते रहते हैं।” कई स्थानीय लोग यह भी कहते हैं कि चुनावों के दौरान नेताओं द्वारा आश्वासन दिया जाता है, लेकिन चुनाव के बाद वे अपनी जिम्मेदारी से भाग जाते हैं।जब इस मुद्दे पर जनप्रतिनिधियों से संपर्क किया गया, तो उन्होंने इसे संवेदनशील बताया, लेकिन किसी ठोस समाधान का वादा नहीं किया। कुछ नेताओं का कहना है कि सडक़ों के निर्माण को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया गया है। हालांकि, यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि जब बजट आवंटित किया जा चुका है तो कार्य क्यों नहीं हो पा रहा।यह साफ है कि कमालगंज ब्लॉक की प्रमुख सडक़ें गंभीर स्थिति में हैं और इस मुद्दे को लेकर स्थानीय निवासियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सरकार के गड्डा मुक्त अभियान के बावजूद सडक़ निर्माण और मरम्मत कार्यों की अनदेखी की जा रही है।
कमालगंज के जर्जर मार्गो की हालत और योगी सरकार के गढ्ढा मुक्त अभियान पर उठते सवाल
